मायावती ने प्रदेशवासियों को दी रामनवमी की बधाई, कहा- सभी का जीवन सुख समृद्धि से परिपूर्ण हो

Edited By Ramkesh,Updated: 30 Mar, 2023 07:08 PM

mayawati congratulated the people of the state on the occasion

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रामनवमी पर्व की समस्त देशवासियों व प्रदेश वासियों को बधाई दी है। उन्होंने  ट्वीटकर कहा कि समस्त देशवासियों व ख़ासकर उत्तर प्रदेश के सभी भाई-बहनों को रामनवमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रामनवमी पर्व की समस्त देशवासियों व प्रदेश वासियों को बधाई दी है। उन्होंने  ट्वीटकर कहा कि समस्त देशवासियों व ख़ासकर उत्तर प्रदेश के सभी भाई-बहनों को रामनवमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें। सभी लोगों का जीवन सुख, शान्ति व समृद्धि से परिपूर्ण हो यही आज के दिन का संदेश व ज़रूरत है। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने भी प्रदेशवासियों को ट्वीटकर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि  जोग लगन ग्रह बार तिथि सकल भए अनुकूल। चर अरु अचर हर्षजुत राम जनम सुखमूल॥ मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के अवतरण के अति पावन दिवस 'श्री राम नवमी' की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं!

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बता दें कि रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है जो  मार्च -अप्रैल में आता है। हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दिन मर्यादा-पुरूषोत्तम भगवान श्री राम जी का जन्म हुआ था।  हिन्दु धर्म शास्त्रों के अनुसार त्रेतायुग में रावण के अत्याचारों को समाप्त करने तथा धर्म की पुनः स्थापना के लिये भगवान विष्णु ने मृत्यु लोक में श्री राम के रूप में अवतार लिया था। श्रीराम चन्द्र जी का जन्म चैत्र शुक्ल की नवमी के दिन पुनर्वसु नक्षत्र तथा कर्क लग्न में रानी कौशल्या की कोख से, राजा दशरथ के घर में हुआ था। सम्पूर्ण भारत में रामनवमी मनायी जाती है। तेलंगण का भद्राचलम मन्दिर उन स्थानों में हैं जहां रामनवमी बड़े धूमधाम से मनायी जाती है। रामनवमी का त्यौहार पिछले कई हजार सालों से मनाया जा रहा है।

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रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थीं लेकिन बहुत समय तक कोई भी राजा दशरथ को सन्तान का सुख नहीं दे पायी थीं जिससे राजा दशरथ बहुत परेशान रहते थे। पुत्र प्राप्ति के लिए राजा दशरथ को ऋषि वशिष्ठ ने पुत्रकामेष्टि यज्ञ कराने को विचार दिया। इसके पश्चात् राजा दशरथ ने अपने जमाई, महर्षि ऋष्यश्रृंग से यज्ञ कराया। तत्पश्चात यज्ञकुण्ड से एक दिव्य पुरुष अपने हाथों में खीर की कटोरी लेकर बाहर निकले। यज्ञ समाप्ति के बाद महर्षि ऋष्यश्रृंग ने दशरथ की तीनों पत्नियों को एक-एक कटोरी खीर खाने को दी। खीर खाने के कुछ महीनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गयीं। ठीक 9 महीनों बाद राजा दशरथ की सबसे बड़ी रानी कौशल्या ने राम को जन्म दिया जो भगवान विष्णु के सातवें अवतार थे, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने जुड़वा बच्चों लक्ष्मण और शत्रुघ्न को जन्म दिया। भगवान राम का जन्म धरती पर दुष्ट प्राणियों को संघार करने के लिए हुआ था।

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