Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 12 May, 2024 04:50 PM
बुंदेलखंड की बेहद महत्वपूर्ण झांसी संसदीय सीट पर पांचवे चरण में 20 मई को होने जा रहे मतदान से पहले चुनावी पारा...
झांसी: बुंदेलखंड की बेहद महत्वपूर्ण झांसी संसदीय सीट पर पांचवे चरण में 20 मई को होने जा रहे मतदान से पहले चुनावी पारा जोर पकड़ने लगा है। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अनुराग शर्मा पर फिर से भरोसा जताते हुए मैदान में उतारा तो दूसरी ओर इंडिया गठबंधन की ओर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके प्रदीप जैन आदित्य ताल ठोक रहे हैं। इस सीट पर अभी तक 17 बार हुए चुनाव में 09 बार कांग्रेस और छह बार भाजपा ने जीत हासिल की है इसके अलावा एक एक बार भारतीय लोकदल, बहुजन समाजवादी पार्टी और समाजवादी पार्टी ने अपना परचम लहराया है। इस लोकसभा सीट में विधानसभा की पांच सीटें हैं। ये सीटें झांसी नगर, बबीना, मऊरानीपुर, ललितपुर और महरौनी हैं।
पिछली बार 2019 में इस सीट से भाजपा उम्मीदवार अनुराग शर्मा ने तीन लाख 65 हजार 683 मतों से जीत हासिल की थी। इसके बाद बुंदेलखंड के विकास और यहां की मूलभूत समस्याओं पलायन, पानी, पिछडेपन के खात्मे के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने जमकर प्रयास किया। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भी बुंदेलखंड पर विशेष ध्यान दिया और केंद्र की योजनाओं के साथ साथ इस क्षेत्र को समर्पित राज्य की भी कई योजनाएं लायी गयीं। सरकार ने यहां की समस्याओं को खत्म करने के लिए प्रयास तो काफी किये लेकिन धरातल पर कहीं न कहीं विभिन्न प्रकार की अनियमितताओं के कारण वह परिणाम अभी तक हासिल नहीं हो पाये जिनकी लोगों को उम्मीद थी और इसी का रोष आमजन के बीच इन चुनावों में दिखायी दे रहा है। इसके साथ साथ इस क्षेत्र के लोगों की अपने सांसद से बड़ी नाराजगी उनके क्षेत्र में न रहने को लेकर है। लोग जगह जगह अब खुलकर यह कहते नजर आ रहे हैं कि सांसद जी न पूरे कार्यकाल में दिखायी दिये तो समस्याओं को सुनना और सुलझाना तो दूर की बात है। जहां एक ओर सांसद की साफ सुथरी छवि और बेहतर कानून व्यवस्था के साथ साथ प्रधानमंत्री मोदी को लेकर जनता भाजपा के पक्ष में दिखायी देती है तो दूसरी ओर इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप जैन आदित्य अपनी सर्वसुलभता और आम जन के साथ उनके जुड़ाव को आगे रखकर हमेशा लोगों का साथ निभाने का वादा कर धुंआधार प्रचार में जुटे हैं।
इस तरह की स्थिति में जनता का रुख पूरी तरह से साफ नहीं हो पा रहा है। इस कारण इस सीट पर 2019 जैसी मोदी लहर तो निश्चित तौर पर दिखायी नहीं दे रही है । गठबंधन उम्मीदवार की साफ सुथरी छवि, उनकी सरलता और लोगों की परेशानियों में उनके साथ खड़े होने का विश्वास भाजपा उम्मीदवार के लिए सिर दर्द बन रहा है। ऐसे में इस बार इस सीट पर दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे का मुकाबला होने की उम्मीद की जा रही है।हालांकि दोनों ही पक्ष अपनी अपनी ताकत दिखाने का कोई मौका नहीं गंवा रहे हैं। जहां भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में स्टार प्रचारकों की रैलियों का दौर शुरू हो गया है तो दूसरी ओर इंडिया गठबंधन के घटक दल आम आदमी पाटर्ी, समाजवादी पाटर्ी का स्थानीय नेतृत्व भी जैन के साथ कंधे से कंधा मिलकर आगे बढ़ रहा है। अगले कुछ दिनों में सहयोगी दलों के प्रमुखों की रैलियों का आयोजन भी झांसी जिले के विभिन्न क्षेत्रों में होने जा रहा है। इसके साथ साथ भाजपा उम्मीदवार के पास जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी और भरोसा है तो दूसरी ओर गठबंधन के उम्मीदवार भी राजनीति के क्षेत्र के मंझे हुए खिलाड़ी है, उनका लंबा राजनीतिक अनुभव है । इस तरह के माहौल में पूरी निश्चितता के साथ किसी एक उम्मीदवार को लेकर स्थिति साफ नहीं है। इस सीट पर इस बार मुकाबला रोचक होने जा रहा है।