Edited By Ramkesh,Updated: 13 Aug, 2023 07:52 PM

Lucknow News
उत्तर प्रदेश में राजभवन के निकट साढ़े चार महीने की गर्भवती महिला ने रविवार को सड़क किनारे बच्चे को जन्म दिया। भ्रूण को अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। अब घटना को लेकर सियासत तेज हो गई है। इसे लेकर कांग्रेस पार्टी...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राजभवन के निकट साढ़े चार महीने की गर्भवती महिला ने रविवार को सड़क किनारे बच्चे को जन्म दिया। भ्रूण को अस्पताल ले जाया गया जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। अब घटना को लेकर सियासत तेज हो गई है। इसे लेकर कांग्रेस पार्टी के मीडिया संयोजक अंशू अवस्थी ने योगी सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि देश में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। मुख्यमंत्री आवास के क्षेत्र के अंतर्गत रहने वाली महिला को जब इलाज नहीं मिल पाया तो आम जनमानस का क्या होगा। उन्होंने कहा कि महिला 4 दिन से एडमिट होने का प्रयास कर रही थी लेकिन उसे भर्ती नहीं कराया गया। उन्होंने कहा कि आज मजबूर हो कर परिजन रिक्शे पर पीड़ित को अस्पताल लेकर जा रहे थे। बीच रास्ते में मजबूर सड़क पर निकल सड़क पर प्रसव करवाया। इससे शर्मनाक प्रदेश के लिए क्या होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार के लोग AC में बैठकर झूठ पर झूठ बोले जा रहे कि प्रदेश में सब ठीक है। पूरा विभाग भ्रष्टाचार में डूबा है आम आदमी की सुध लेने का समय नही। भाजपा और आदित्यनाथ सरकार सिर्फ झूठ पर झूठ बोले जा रही है। हकीकत यह है कि प्रदेश में कहीं डॉक्टर नहीं, कहीं पैरामेडिकल स्टाफ नहीं, दवा नही, मशीनें ठीक नहीं, लेकिन उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक प्रचार में सब ठीक का दावा किया कर रहे, जनता सब देख रही है इसका हिसाब किताब बीजेपी को 2024 में हरा कर करेगी।
बता दें कि घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसके बाद समाजवादी पार्टी के नेता शिवपाल यादव ने उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने इस घटना की पुष्टि की। प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग भी पाठक के पास है । उन्होंने कहा, "मैंने घटना का संज्ञान लिया है और मैं घटनास्थल पर जा रहा हूं। प्रधान सचिव ने मुझे बताया है कि यह परिवार रिक्शे से जा रहा था और यह घटना राजभवन के गेट नंबर 13 के पास हुई।" भ्रूण को वीरांगना झलकारी बाई महिला एवं बाल अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बाद में उसे लखनऊ के बैंकुंठधाम में दफना दिया गया। अस्पताल के प्रसव कक्ष में तैनात डॉक्टर ने कहा कि घटना के बाद रूपा सोनी नामक महिला की दोपहर करीब 12:30 बजे जांच की गई। उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले दिन में दर्द महसूस होने के बाद वह लखनऊ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी सदर अस्पताल गई थी, जहां उसे इंजेक्शन लगाया गया। वह घर चली गई लेकिन उसे आराम नहीं मिला।'
' डॉक्टर ने कहा, ‘‘वह यहां आ रही थी, और रास्ते में ही राजभवन के बाहर उसने बच्चे को जन्म दे दिया। बच्चे को मृत अवस्था में लाया गया।'' पाठक ने कहा, ‘‘महिला ने अस्पताल जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं मांगी और रिक्शे से जाने का फैसला किया, लेकिन राजभवन के निकट से गुजर रहे लोगों ने एम्बुलेंस की मांग की तो यह 25 मिनट में पहुंच गई।'' हालांकि, इस मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि एम्बुलेंस की अनुपलब्धता के कारण यह घटना हुई।
अखिलेश ने सड़क पर महिला के प्रसव का वीडियो साझा करते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया किया, ''एक तो उप्र की राजधानी लखनऊ, उस पर राजभवन के सामने… फिर भी एम्बुलेंस के न पहुंचने की वजह से एक गर्भवती महिला को सड़क पर शिशु को जन्म देना पड़ा।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री जी इस पर कुछ बोलना चाहेंगे या कहेंगे ‘हमारी भाजपाई राजनीति के लिए बुलडोजर ज़रूरी है, जनता के लिए एम्बुलेंस नहीं।'' सपा प्रमुख से पहले सपा महासचिव शिवपाल यादव ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘‘सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था अपने लाख विज्ञापनों व दावों के बावजूद वेंटिलेटर पर है। एम्बुलेंस न मिलने पर रिक्शे से अस्पताल जा रही गर्भवती महिला को राजभवन के पास सड़क पर प्रसव के लिए मजबूर होना पड़े तो यह पूरी व्यवस्था के लिए शर्मनाक और प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की असल हकीकत है।'