Edited By Imran,Updated: 16 Oct, 2024 07:25 PM
भारतीय रेलवे वाराणसी में गंगा नदी पर एक विशालकाय पुल बनाने जा रही है। यह विशालकाय पुल बनने के बाद अब तक का सबसे बड़ा पुल होगा। इस पर चार रेलवे लाइन और छह लेन हाइवे भी बनाया जाएगा।
Varanasi: भारतीय रेलवे वाराणसी में गंगा नदी पर एक विशालकाय पुल बनाने जा रही है। यह विशालकाय पुल बनने के बाद अब तक का सबसे बड़ा पुल होगा। इस पर चार रेलवे लाइन और छह लेन हाइवे भी बनाया जाएगा। यह पुल वर्तमान में सेवाएं दे रहे 137 साल पुराने मालवीय ब्रिज की जगह लेगा। इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इस नए पुल पर सरकार 2642 करोड़ रुपये खर्च करेगी. वाराणसी से पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेल-रोड ब्रिज से न सिर्फ ट्रेवलिंग आसान हो जाएगी बल्कि यह ट्रांसपोर्ट कॉस्ट और कार्बन उत्सर्जन भी कम करेगा। सरकार का दावा है कि यह पुल सालाना 638 करोड़ रुपये की बचत भी करेगा। साथ ही कई इलाकों की कनेक्टिविटी भी बढ़ जाएगी।
चार रेलवे लाइन और छह हाईवे लेन
बता दें कि इसकी जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देते हए कहा कि इस पुल का फाउंडेशन 120 फुट गहरा होगा। उसके ऊपर पिलर और उसके ऊपर ब्रिज तैयार किया जाएगा। ट्रैफिक के लिहाज से ये सबसे बड़ा पुल होगा। इस पर चार रेलवे लाइन और छह हाईवे लेन होंगे. रेलवे लाइन नीचे होगी और ऊपर 6 लेन का हाईवे तैयार किया जाएगा। इस पुल को 150 साल की अवधि को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाएगा। इसे चार साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि यह पुल अपने कंस्ट्रक्शन के दौरान करीब 10 लाख मानव दिवस का रोजगार पैदा करेगा।
वहीं, वाराणसी से सांसद और पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए काशी वासियों को बधाई दी है। उन्होंने लिखा है कि काशीवासियों की सुख-सुविधा के लिए हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसी कड़ी में गंगा पर एक रेल-सड़क पुल को मंजूरी दी गई है। इससे तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और यहां के लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलने के साथ ही रोजगार और कारोबार के नए-नए अवसर भी बनेंगे।