Edited By Pooja Gill,Updated: 08 Aug, 2025 01:22 PM

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में रक्षाबंधन के अवसर पर निशुल्क बस यात्रा सुविधा बीते आठ वर्षों में एक सामाजिक परंपरा बन गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर शुरू की गई इस योजना के तहत अब तक एक करोड़ 23 लाख 30 हजार...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में रक्षाबंधन के अवसर पर निशुल्क बस यात्रा सुविधा बीते आठ वर्षों में एक सामाजिक परंपरा बन गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर शुरू की गई इस योजना के तहत अब तक एक करोड़ 23 लाख 30 हजार से अधिक महिलायें लाभान्वित हो चुकी हैं। आधिकारिक प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि मुफ्त यात्रा के एवज में सरकार ने 101,42,59,785 रुपए का आर्थिक बोझ वहन किया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में रक्षाबंधन पर्व पर महिलाओं को 8-10 अगस्त तक निशुल्क यात्रा की घोषणा की है।
2017 में हुई थी इस सुविधा की शुरुआत
इस सुविधा की शुरुआत वर्ष 2017 में हुई थी जिसका उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षित, सुलभ और सम्मानजनक यात्रा प्रदान करना था, जिससे वे बिना किसी आर्थिक बोझ के अपने भाई से राखी बांधने जा सकें। सरकार का यह संदेश साफ है कि रक्षाबंधन सिर्फ धागा नहीं, बल्कि सुरक्षा, स्नेह और सम्मान का वचन है। और यह वचन, हर साल रोडवेज की मुफ्त यात्रा के ज़रिए निभाया जा रहा है। बीते वर्षों में इस योजना का प्रभाव लगातार बढ़ता गया। वर्ष 2017 में जहां सिर्फ 11 लाख महिलाएं इस सेवा का लाभ ले सकीं तो वहीं 2024 तक यह संख्या करीब 20 लाख तक पहुंच गई।
यह पहल एक तरफ सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाती है
हालांकि, इन वर्षों में महिलाओं ने सर्वाधिक लाभ 2023 में लिया, जब 29 लाख से अधिक माताएं और बहनें निशुल्क सफर के इस संकल्प के साथ जुड़ीं। वहीं 2022 में भी 22 लाख से ज्यादा बहनों ने सरकार की इस पहल का लाभ उठाया। योगी सरकार की यह योजना केवल एक सरकारी सेवा के रूप में नहीं, बल्कि रक्षाबंधन जैसे पारिवारिक और भावनात्मक पर्व को और अधिक आत्मीय बनाने का माध्यम बन चुकी है। यह पहल एक तरफ सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाती है। वहीं, दूसरी ओर महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में भी एक सशक्त कदम है।