Edited By Ramkesh,Updated: 20 Mar, 2025 01:54 PM

आक्रमणकारी महमूद गजनवी के भतीजे सैयद सालार मसूद गाजी की याद में आयोजित किए जाने वाला नोज मेला संभल में आयोजित करने की अनुमति नहीं मिली है इसे लेकर सियासत तेज हो गई। प्रशासन के इस फैसला का जहां एक प्रकार विपक्ष तंज कस रहा है। वहीं दूसरी ओर सत्ता पक्ष...
सहारनपुर: आक्रमणकारी महमूद गजनवी के भतीजे सैयद सालार मसूद गाजी की याद में आयोजित किए जाने वाला नोज मेला संभल में आयोजित करने की अनुमति नहीं मिली है इसे लेकर सियासत तेज हो गई। प्रशासन के इस फैसला का जहां एक प्रकार विपक्ष तंज कस रहा है। वहीं दूसरी ओर सत्ता पक्ष इस फैसले के तारीफ में कसीदे पढ़ रहा है। इसी कड़ी में सहारनपुर की लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद इमरान मसून ने सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इस देश में लाखों करोड़ों लोग गाजी सालार को सूफी संत मानते हैं। उन्होंने लोगों को नसीहत देते हुए कहा कि जिन्होंने इतिहास नहीं पढ़ा, उन्हें पढ़ना चाहिए। सांसद ने कहा कि जो लोग बयान दे रहे, उन्होंने इतिहास नहीं पढ़ा अगर पढ़ कर ज्ञान देते तो ज्यादा व्यहतर होता।
'सद्भावना मेला' आयोजित करने की मांगी अनुमति
आप को बता दें कि संभल जिले के शाहवाजपुर सूरा नगला के ग्राम प्रधान ने उपजिलाधिकारी (एसडीएम) से 25 और 26 मार्च को 'सद्भावना मेला' आयोजित करने की अनुमति मांगी है। संभल के अपर पुलिस अधीक्षक ने हाल ही में परंपरागत 'नेजा मेला' का पुरजोर विरोध करते हुए कहा था कि आक्रमणकारी महमूद गजनवी के भतीजे सैयद सालार मसूद गाजी की याद में आयोजित किया जाने वाला यह मेला अब नहीं होगा। इसके बाद अब मुस्लिम वर्ग द्वारा लगवाये जाने वाले 'सद्भावना मेले' के आयोजन के लिये उपजिलाधिकारी वंदना मिश्रा से अनुमति मांगी गयी है।
स्थानीय लोग बोले- इस साल भी सद्भावना मेले की इजाजत मिलने की उम्मीद
वंदना मिश्रा के अनुसार सद्भावना मेले के आयोजन के लिये मांगी गयी अनुमति के आवेदन को पुलिस विभाग को भेज दिया गया है। वंदना मिश्रा ने कहा कि, "सद्भावना मेले के लिए आवेदन प्राप्त हो गया है, और इसे आगे की जांच के लिए पुलिस विभाग को भेज दिया गया है।" ग्राम प्रधान मरगूब फातिमा ने कहा कि मेला उनके गांव में लंबे समय से चली आ रही एक परंपरा है। मरगूब फातिमा ने कहा, "हमने 25 मार्च को सद्भावना मेला आयोजित करने की अनुमति के लिए आवेदन किया है। वर्ष 2023 में इसी नाम से इसे सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था। हालांकि, कुछ कारणों से इसे 2024 में आयोजित नहीं किया जा सका। मेले में झूले और विभिन्न स्टॉल लगाये जाते हैं।" एक अन्य स्थानीय निवासी अतीक अहमद ने पुष्टि की कि उन्हें 2023 में मेले के लिए अनुमति मिल गई थी और उन्हें इस साल भी इजाजत मिलने की उम्मीद है।
नवंबर 2024 में अदालत के आदेश पर संभल के कोट गर्वी इलाके में शाही जामा मस्जिद में हुए सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा के बाद से संभल में सांप्रदायिक तनाव व्याप्त है। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी और सुरक्षाकर्मियों सहित कई अन्य घायल हो गए थे। स्थानीय अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें दावा किया गया है कि जामा मस्जिद एक मंदिर को ध्वस्त करके बनायी गयी है।