Edited By Ramkesh,Updated: 07 Jul, 2023 01:37 PM

High Court Allahabad
उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद कोर्ट ने मृतक कर्मचारी की पारिवारिक पेंशन पर दावा करने वाली दूसरी पत्नी की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पहली पत्नी की मौत के बाद दूसरी पत्नी सेवानिवृति लाभ पाने की...
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद कोर्ट (High Court Allahabad) ने मृतक कर्मचारी की पारिवारिक पेंशन पर दावा करने वाली दूसरी पत्नी की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि पहली पत्नी की मौत के बाद दूसरी पत्नी सेवानिवृति लाभ पाने की अधिकारी नहीं हो सकती। दरअसल, एक महिला ने अपनी पति की मौत के बाद परिवारिक पेंशन का दावा किया था। हालांकि महिला मृतक की दूसरी पत्नी थी। इस पर कोर्ट ने पेंशन का लाभ देने से इनकार कर दिया।
पीड़ित पक्ष अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि मृतक वीरेंद्र सिंह पुलिस विभाग में मुख्य आरक्षी के पद से सेवानिवृत हुए थे। पहली पत्नी के जीवन काल में आरक्षी ने याची से दूसरी शादी की थी। उनके निधन के बाद उनकी पहली पत्नी रामबेटी को पारिवारिक पेंशन मिल रही थी। रामबेटी का निधन भी मार्च 2018 में हो गया, इसलिए अब याची को पारिवारिक पेंशन का लाभ दिया जाए। राज्य सरकार के स्थायी अधिवक्ता का कहना था कि पहली पत्नी के जीवन काल में कर्मचारी द्वारा किया गया दूसरा विवाह शून्य होने के साथ ही अपराध कृत्य भी है। इसलिए शून्य विवाह के आधार पर याची को पारिवारिक पेंशन का लाभ नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने विमला देवी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि पहली पत्नी को ही मृतक कर्मचारी की वैधानिक आश्रित माना जा सकता है। इसके बाद कोर्ट ने मामले को खारिज कर दिया।