शामलीः इस हॉस्पिटल में इलाज के नाम पर लूट! 8 दिन का बिल 212500 थमाया

Edited By Ajay kumar,Updated: 19 Jul, 2022 04:48 PM

ganga amrit multi specialty hospital robbery in the name of treatment

उत्तर प्रदेश में हॉस्पिटलों की लापरवाही लगातार देखने को मिल रही है। जिसके चलते मरीजों से मनचाहे रुपये वसूले जा रहे हैं। एसा ही एक मामला शामली से सामने आया है। यहां के गंगा अमृत मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में इलाज करा रही प्रसन्दी देवी नाम की महिला...

शामलीः उत्तर प्रदेश में हॉस्पिटलों की लापरवाही लगातार देखने को मिल रही है। जिसके चलते मरीजों से मनचाहे रुपये वसूले जा रहे हैं। एसा ही एक मामला शामली से सामने आया है। यहां के गंगा अमृत मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में इलाज करा रही प्रसन्दी देवी नाम की महिला पेशेंट से हॉस्पिटल द्वारा 500 प्रति घंटा की ऑक्सीजन लगाई गई है। मरीज के परिजनों को 8 दिन का बिल 212500 थमा दिया गया है। इतना ही नहीं डॉक्टर की विजिट 4000 प्रति दिन के हिसाब से जोड़ी गई है। वहीं इमरजेंसी में पेशेंट को भर्ती करने की फीस भी 10000 ली गई है। ऐसे में मरीज के परिजनों ने हॉस्पिटल में हंगामा करते हुए डीएम से न्याय की गुहार लगाई है।

बता दें कि जनपद शामली के ऊन की रहने वाली प्रसन्दी देवी नाम की महिला 9 जुलाई को गंगा अमृत मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में गुर्दों में हो रही परेशानी के कारण भर्ती की गई थी। जिसमें महिला को इमरजेंसी में भर्ती कराने के नाम पर 10000 लिए गए है। वही हॉस्पिटल में परिजनों को आईसीयू का चार्ज 5000 प्रतिदिन, आईसीयू में डॉक्टर की विजिट का चार्ज 2000 प्रति दिन के हिसाब से बताया गया था। जबकि गंगा अमृत मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में इमरजेंसी फीस 5 हज़ार रुपये का बोर्ड लगा हुआ था। वहीं मरीज को भर्ती करने के बाद आईसीयू में डॉक्टर की विजिट 4000 प्रतिदिन के हिसाब से जोड़ी गई है। जिसमें 8 दिन का बिल 32000 रुपये बनाया गया है। इतना ही नहीं आईसीयू में भर्ती महिला को 500 प्रति घंटा के हिसाब से ऑक्सीजन दी गई है ऐसे में महिला के परिजनों को ऑक्सीजन का बिल 96000 रुपये दिया गया। अगर पूरे बिल की बात की जाए तो 212500 का बिल परिजनों के हाथ में थमाया गया है। वही महिला गुर्दे में प्रॉब्लम होने के कारण हॉस्पिटल में भर्ती हुई थी। जबकि बताया जा रहा है कि जिस बीमारी के चलते महिला हॉस्पिटल में भर्ती हुई थी उस बीमारी से संबंधित डॉक्टर हॉस्पिटल में तैनात ही नहीं है। वही हॉस्पिटल में बीएएमएस डॉक्टर ड्यूटी करते नजर आ रहे हैं। वही मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल से मरीज महिला के बेटे कुलदीप ने अपनी माता को डिस्चार्ज कराने की बात कही तो हॉस्पिटल के मैनेजमेंट ने 212500 रुपये का बिल परिजनों के हाथ में थमा दिया। जिसे देखकर मरीज के परिजन हक़दम रह गए।

वहीं बिल को लेकर महिला के परिजनों व डॉक्टरों में काफी देर तक बहस भी हुई। जिसके बाद पीड़ित परिजनों ने मामले की जानकारी पुलिस व स्वास्थ्य विभाग को दी। वहीं इस मामले में मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच की। वही संबंधित एसीएमओ डॉक्टर सुशील कुमार ने वहाँ मौजूद बीएएमएस डॉक्टर से बात की। वीडियो में आप देख सकते हैं कि जिस डॉक्टर से एसीएमओ बात कर रहे हैं वह बीएएमएस की डिग्री धारक डॉक्टर बताया जा रहा है। जो आयुर्वेदिक इलाज से संबंध रखता है। ऐसे में सवाल उठता है कि मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में जब फेफड़ों की बीमारी का डॉक्टर ही नहीं है तो यह बीएएमएस डॉक्टर किस प्रकार से महिला का इलाज कर रहा था।

एसीएमओ ने दिया डॉक्टर को हिरासत में लेने का आदेश
बताया जा रहा है कि मौके पर पहुंची पुलिस को एसीएमओ ने तत्काल डॉक्टर को हिरासत में लेने का आदेश भी दिए थे। लेकिन पुलिस की लचर कार्यवाही के चलते हॉस्पिटल से पुलिस खाली हाथ ही वापस लौट आयी।

जिलाधिकारी ने दिए मामले में जांच के आदेश
वहीं मामला गर्माता देख मौके पर पहुंचे हॉस्पिटल के डॉक्टर सुनील कुमार ने 140000 का पेमेंट लेने के बाद मरीज को हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किया है।पीड़ित महिला के परिजनों ने जिलाधिकारी शामली से न्याय की गुहार लगाई है। जिसके बाद शामली जिला अधिकारी जसजीत कौर ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं।

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