भारत से कुष्ठरोग के उन्मूलन के लिए अज्ञानता व कलंक की भावना के दायरे से बाहर निकलने के रोटरी के प्रयास

Edited By Anil Kapoor,Updated: 22 Feb, 2021 04:48 PM

feeling of ignorance and stigma for eradication of leprosy from india

यह मानना जरूरी है कि अज्ञानता, जागरुकता की कमी एवं इस बीमारी के उन्मूलन पर केंद्रित प्रतिक्रिया को प्राथमिकता दिए जाने की कमी के चलते भारत से कुष्ठरोग का उन्मूलन करने में बाधा आ रही है। दुनिया में कुष्ठरोग के आधे से ज्यादा मामले (63 प्रतिशत) भारत...

दिल्ली: यह मानना जरूरी है कि अज्ञानता, जागरुकता की कमी एवं इस बीमारी के उन्मूलन पर केंद्रित प्रतिक्रिया को प्राथमिकता दिए जाने की कमी के चलते भारत से कुष्ठरोग का उन्मूलन करने में बाधा आ रही है। दुनिया में कुष्ठरोग के आधे से ज्यादा मामले (63 प्रतिशत) भारत में पाए जाते हैं। जागरुकता की कमी एवं अपर्याप्त मेडिकल और सपोर्ट ढांचे के चलते इस बीमारी से संक्रमित आधे लोग इलाज से वंचित रह जाते हैं और बीमारी के दीर्घकालिक दुष्परिणाम झेलने को मजबूर होते हैं और कई लोगोें का तो निदान तक नहीं हो पाता है।

PunjabKesariबीमारी के प्रसार एवं इसके इलाज के बारे में जागरुकता की कमी की वजह से कुष्ठरोगी अपना घर छोड़कर कुष्ठरोगियों की काॅलोनी में रहने को मजबूर हो जाते हैं, जहां पर इस बीमारी से पीड़ित अन्य लोग रहते हैं। इस बीमारी के लाईलाज होने की मिथक व इससे जुड़ी वर्जना, स्थिति को गंभीर बना देते हैं, जिससे कुष्ठरोगियों की और भी ज्यादा दुर्दशा हो जाती है। कुष्ठरोग के बारे में अज्ञानता इस बीमारी को रोकने के मार्ग में सबसे बड़ी चुनौती है। कुष्ठरोग का इलाज संभव है और यदि सही समय पर इसका निदान हो जाए एवं इसका उचित इलाज किया जाए, तो इसके संक्रमण का जोखिम शून्य है। दुनिया में अभी भी 30 लाख से ज्यादा लोग बिना निदान के घूम रहे हैं और यह बीमारी हर दिन उनके जीवन को क्षति पहुंचाती जा रही है।

PunjabKesariयदि कुष्ठरोगियों को सही समय पर सही इलाज मिल जाए, तो वो ठीक हो जाते हैं और एक सामान्य जिंदगी जी सकते हैं। मल्टी ड्रग थेरेपी (एमडीटी) का कोर्स पूरा कर कुष्ठरोग पूरी तरह ठीक हो जाता है। यह दवाई निशुल्क मिलती है और इसकी एक खुराक के बाद ही बीमारी का संचार रुक जाता है। दिल्ली साउथ का रोटरी क्लब पिछले 9 महीनों से कुष्ठरोग काॅलोनियों में खाने का वितरण करने में मदद कर रहा है। यह अपने साझेदारों लेप्रा यूके एवं एसीआरई के साथ कुष्ठरोग की जागरुकता बढ़ाने के लिए अग्रिम पंक्ति में काम कर रहा है।

PunjabKesariश्री दीपक कपूर, चेयरमैन, रोटरी इंटरनेशनल इंडिया, पोलियो प्लस कमिटी ने कहा, ‘‘कुष्ठरोगियों पर सामाजिक कलंक का भारी बोझ होता है। वंचित वर्ग के एवं हाशिये पर रहने वाले समाज, जिन्हें स्वास्थ्य सेवाओं की कमी होती है, उन पर यह भार और ज्यादा हो जाता है। इस बीमारी की जागरुकता एवं इसका इलाज मरीजों और उनके समुदाय के लोगों के बीच दृष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। रोटरी कई दशकों से जन स्वास्थ्य के मिशन पर काम कर रहा है और पोलियो एवं खसरा-चेचक जैसी बीमारियों के लिए टीकाकरण के कार्यक्रम आयोजित कर चुका है। रोटरी कुष्ठरोग के नियंत्रण एवं इसके भार में कमी लाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसके लिए यह जागरुकता निर्माण, रोकथाम व इलाज तथा कुष्ठरोगियों के पुनर्वास पर केंद्रित है, ताकि वो अन्य नागरिकों की भांति एक सम्मानजनक जिंदगी व्यतीत कर सकें। कुष्ठरोग नियंत्रण कार्यक्रम के मामले में रोटरी का प्रयास मेडिकल/पैरामेडिकल स्टाफ के पूरे समूह को प्रशिक्षण देने और कुष्ठरोग के मौजूदा मामलों की जाँच व निगरानी की प्रक्रिया पर भी केंद्रित होगा।’’

PunjabKesariश्री प्रदीप बहरी, चेयरपर्सन, जिला कुष्ठरोग नियंत्रण अभियान ने बताया, ‘‘भारत दुनिया में कुष्ठरोग की राजधानी बन गया है, जहां पर पूरी दुनिया के 63 फीसदी कुष्ठरोगी हैं। डर (बीमारी एवं परिचारक के कलंक के) एवं ज्ञान की कमी के चलते दुनिया में लाखों लोगों का निदान तक नहीं हो पाता है, जिससे उनके स्वास्थ्य, आजीविका एवं उनके भविष्य को और ज्यादा नुकसान होता है। देर से पहचान होने के कारण बीमारी का प्रसार रोकने की संभावनाएं कम हो जाती हैं। बीमारी पर अंकुश लगाने का एक तरीका सभी मरीजों को पहचानना, उनके साथ सम्मानजनक व सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करना और उन्हें निवारक उपचार प्रदान करना है। इस बीमारी के बारे में फैली भ्रांतियों एवं मिथकों को रोकने के लिए विस्तृत सहयोग की जरूरत है, ताकि कुष्ठरोग से जुड़े कलंक को दूर किया जा सके। हमारे साझेदारों जैसे लेप्रा यूके एवं एसीआरई के सहयोग से रोटरी क्लब आॅफ दिल्ली साउथ (आरसीडीएस) अपने दिल्ली साउथ रोटरी सर्विस फाउंडेशन के द्वारा उचित इलाज एवं देखभाल के जरूरतमंद लोगों की जिंदगी में परिवर्तन लाने का प्रयास कर रहा है।’’

PunjabKesari

एसीआरई ने अपने विचार साझा किए
‘‘एस्सेट्स केयर एंड रिकंस्ट्रक्शन एंटरप्राईज़ लिमिटेड (एसीआरई) एक सामाजिक रूप से जिम्मेदार कंपनी बनना चाहती है और समुदाय को अपना योगदान देने में यकीन करती है। कंपनी शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास के क्षेत्रों में समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना चाहती है। एक काॅर्पोरेट नागरिक के रूप में यह हमारा संयुक्त दायित्व है कि हम समाज के वंचित लोगों को खाना, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं एवं व्यवसायिक कौशल प्रदान कर उनकी मदद करें। एसीआरई को कुष्ठरोग की परियोजना में दिल्ली साउथ रोटरी सर्विस फाउंडेशन (डीएसआरएसएफ) के साथ सहयोग करने पर गर्व है। हमारा उद्देश्य न केवल कुष्ठरोगियों की मदद करना है, बल्कि हम इस बीमारी से जुड़े कलंक को दूर करने में भी मदद करना चाहते हैं।’’

PunjabKesari

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!