Edited By Anil Kapoor,Updated: 11 Feb, 2025 07:19 AM
![devotees set out on a pilgrimage on foot in the guise of ram laxman](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_07_12_431488179ramlaxman-ll.jpg)
MahaKumbh 2025: महाकुंभ 2025 में श्रद्धा और भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। दूर-दूर से लोग प्रयागराज के संगम तट पर पुण्य स्नान करने और साधु-संतों के दर्शन करने आ रहे हैं। इस भक्ति का एक खास उदाहरण अलीगढ़ के रामू और लखन हैं, जो भगवान राम और...
MahaKumbh 2025: महाकुंभ 2025 में श्रद्धा और भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिल रहा है। दूर-दूर से लोग प्रयागराज के संगम तट पर पुण्य स्नान करने और साधु-संतों के दर्शन करने आ रहे हैं। इस भक्ति का एक खास उदाहरण अलीगढ़ के रामू और लखन हैं, जो भगवान राम और लक्ष्मण के रूप में पदयात्रा पर निकले हैं। वे प्रयागराज से होते हुए अयोध्या तक पैदल यात्रा करेंगे।
16 दिन में कौशांबी पहुंचे रामू और लखन
रामू और लखन 26 जनवरी को अलीगढ़ से पैदल यात्रा पर निकले थे और अब 16 दिन में वे कौशांबी पहुंच चुके हैं। वहां स्थानीय श्रद्धालुओं ने उनका भव्य स्वागत किया। जैसे ही लोगों ने उन्हें राम-लक्ष्मण के रूप में देखा, 'जय श्री राम' के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। श्रद्धालु उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेते हुए नजर आए।
यात्रा का उद्देश्य और आस्था
रामू ने बताया कि उनकी यह यात्रा सनातन धर्म और भगवान श्रीराम के प्रति उनके आस्था को दर्शाती है। उनका मानना है कि जिस तरह भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान ऋषि-मुनियों के दर्शन किए थे, वैसे ही वे भी संगम में पवित्र स्नान करके साधु-संतों से आशीर्वाद लेंगे और फिर अयोध्या के लिए चलेंगे। वे कहते हैं कि हमारी यात्रा का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म का प्रचार करना और अपने धार्मिक कर्तव्यों को निभाना है।
धर्म और आस्था का प्रचार
रामू का कहना है कि सनातन धर्म उनके जीवन का हिस्सा है। वे इसे अपनी आत्मा में बसते हुए महसूस करते हैं। वे उदाहरण देते हुए कहते हैं, "जब माता कैकेई ने भगवान श्रीराम से वनवास मांगा था, तो श्रीराम ने ऋषि-मुनियों के दर्शन का संकल्प लिया था। उसी भावना से हम यह यात्रा कर रहे हैं ताकि हम भी पुण्य लाभ प्राप्त करें और धर्म का प्रचार कर सकें।
प्रयागराज के संगम तट पर स्नान और अयोध्या की यात्रा
रामू और लखन का अगला पड़ाव प्रयागराज का संगम तट है, जहां वे महाकुंभ के दौरान पवित्र स्नान करेंगे और संत-महात्माओं से आशीर्वाद लेंगे। इसके बाद वे पैदल अयोध्या के लिए रवाना होंगे। अयोध्या पहुंचकर वे श्रीराम जन्मभूमि में दर्शन करेंगे और अपनी यात्रा का समापन करेंगे।