Edited By Pooja Gill,Updated: 18 Jun, 2024 03:28 PM
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में 44 गो संरक्षण केंद्रों के निर्माण व विकास का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इस क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा पशुधन विभाग को आदेश जारी किया गया है तथा 5.28 लाख रुपए की धनराशि व्यय से 15 जिलों में गो संरक्षण केंद्रों...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में 44 गो संरक्षण केंद्रों के निर्माण व विकास का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इस क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा पशुधन विभाग को आदेश जारी किया गया है तथा 5.28 लाख रुपए की धनराशि व्यय से 15 जिलों में गो संरक्षण केंद्रों के निर्माण व विकास को सुनिश्चित किया जाएगा। अधिकृत सूत्रों ने बताया कि इस प्रक्रिया के अंतर्गत प्रत्येक गौ संरक्षण केंद्रों को 12 हजार रुपए की धनराशि व्यय से निर्मित व विकसित किया जाएगा।
इन जिलों में होगा गौ संरक्षण केंद्रों का विकास
सूत्रों ने बताया कि इस क्रम में बरेली के अनिरुद्धपुर, मउचंदपुर, सिकोड़ा, अंबरपुर, करतौली, मानपुर अहियापुर, चुरई दलपतपुर, बांसबोझ, महेशपुर शिव सिंह और शेखापुर में गौ संरक्षण केंद्रों का निर्माण व विकास किया जाएगा। इसी प्रकार, उन्नाव के तौरा, टिकरा सामद, छूलामऊ, कोंथा व देवमई में गौ संरक्षण केंद्रों का निर्माण व विकास किया जाएगा। वहीं, शआहजहांपुर के शहबाजनगर, धुसगवां, बागपत के बिजवाड़ा, काकौर, अगला अगरी, लखीमपुर खीरी के कादीपुर, जालौन के नुनबई व गुजराजपुर में भी गौ संरक्षण केंद्रों का विकास किया जाएगा।
यहां भी होगा केंद्रों का निर्माण व विकास
इसी तरह कासगंत के नादरमई व मथुरा के बढ़ौता में भी विकास कार्यों को पूर्ण किया जाएगा। सम्भल के साकिन शोभापुर मुनजब्ता, एचौली व निरयावली, रायबरेली के बन्नांवा, अमेठी के दक्खिनगांव, कोरारी लच्छनशाह, खारा व टीकरमाफी, हरदोई के बरेला कमालपुर, कुरसेली व उचवल, फतेहपुर के जरौली व भादर, मुरादाबाद के मोहम्मदपुर मनसुख, रायपुर खुर्द व राजपुर मिलक तथा आगरा के खेड़ी अडू व कुरर चित्तरपुर में में गौ संरक्षण केंद्रों का निर्माण व विकास किया जाएगा।
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लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वाराणसी में प्रथम कार्यक्रम से पहले कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के लोगों ने उन पर अविश्वास जताया है और वह कई चरणों की मतगणना में पीछे रहने के बाद बमुश्किल अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी को हरा पाए। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री के सामने उनके संसदीय क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर नौ सवाल रखे और पूछा कि इन पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे परियोजना पर 20,000 करोड़ रुपए खर्च करने के बावजूद गंगा नदी ‘‘पहले से भी अधिक प्रदूषित'' क्यों है? उन्होंने यह भी प्रश्न किया कि लोकसभा चुनाव के दौरान वाराणसी संसदीय सीट पर 33 उम्मीदवारों के नामांकन पत्र खारिज क्यों कर दिए गए।