Edited By Imran,Updated: 18 Oct, 2022 12:24 PM

उत्तर प्रदेश के उत्पादों को ‘ब्रांड यूपी' के नाम से विश्व पटल पर पहचान दिलाने के लिये राज्य की योगी सरकार ने अमेरिका की पहल को गति प्रदान करने के सिलसिले को आगे बढ़ाया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उत्पादों को ‘ब्रांड यूपी' के नाम से विश्व पटल पर पहचान दिलाने के लिये राज्य की योगी सरकार ने अमेरिका की पहल को गति प्रदान करने के सिलसिले को आगे बढ़ाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ ‘भारत अमेरिका रणनीतिक साझेदारी फोरम' (यूएसआईएसपीएफ) के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की मंगलवार को बैठक आहूत की गयी है। इसमें राज्य सरकार और यूएसआईएसपीएफ के प्रतिनिधि ब्रांड यूपी को वैश्विक पहचान दिलाने की रूपरेखा तय की। बैठक में मौजूद राज्य के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने उत्तर प्रदेश में पिछले साढ़े पांच वर्ष की उपलब्धियों और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास से अमेरिकी प्रतिनिधियों को अवगत कराया।

उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि योगी सरकार ने उप्र में ढांचागत विकास एवं परिवहन सुविधाओं में व्यापक सुधार किया है। इसके फलस्वरूप उप्र डाटा सेंटर के हब के रूप में उभरा है। साथ ही उप्र अब ‘एक्सप्रेसवे प्रदेश' बन गया है। बैठक में उत्तर प्रदेश में बड़े निवेश के साथ ढांचागत योजनाओं को आगे बढ़ाने में अमेरिकी मदद को सुनिश्चित किया गया। गौरतलब है कि लखनऊ में आगामी ‘ग्लोबल इन्वेस्टर समिट 23' के पहले मुख्यमंत्री योगी ने सोमवार को 15 देशों के राजनयियों के साथ प्रदेश में निवेश के मुद्दे पर व्यापक चर्चा की थी। इसके दूसरे दिन अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ होने वाली बैठक को अहम माना जा रहा है।

जानकारों का मानना है कि पिछले कुछ सालों में प्रदेश में निवेश के अनुकूल वातावरण बनने की वजह से निवेश अपार संभावनाओं को देखते हुए विकसित देश उत्तर प्रदेश की ओर आकर्षित हुए हैं। इस कड़ी में यूएसआईएसपीएफ के 31 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात की। इसका मकसद उत्तर प्रदेश में अमेरिकी के लिए निवेश का रास्ता बनाना है। बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने ‘ट्रेड, टेक्नॉलिजी एंड टूरिज्म' (3ञ्ज कॉन्सेप्ट) का फार्मूला सुझाया। इसके आधार पर अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ब्रांड यूपी की ब्रांडिंग करेगा। बैठक में यूएसआईएसपीएफ के सीईओ और अध्यक्ष मुकेश अघी ने कहा कि अगर उप्र आगे नहीं बढ़ेगा तो भारत भी आगे नहीं बढ़ सकता है।
उन्होंने उप्र में कानून व्यवस्था की स्थिति दुरुस्त होने को बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि राज्य में कामकाज संबंधी पारदर्शिता आयी है, जिसकी वजह से निवेशकों का रुझान उप्र की ओर बढ़ा है। अघी ने कहा कि उप्र अन्य भारतीय राज्यों के लिये रोल मॉडल बना है। बैठक में मौजूद पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने कहा कि भारत की तरक्की में उत्तर प्रदेश के योगदान को मुख्यमंत्री योगी के प्रयासों से नयी गति मिली है। जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश, भारत का ‘ग्रोथ इंजन' बनकर उभरा है।