जन शिकायतों के निस्तारण में बार-बार लापरवाही पर CM Yogi हुए सख्त, 24 जिलों के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश जारी

Edited By Pooja Gill,Updated: 29 Dec, 2022 09:55 AM

cm yogi became strict on repeated negligence in disposal

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ( CM Yogi ) आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमिकता जन शिकायतों के निस्तारण में शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही मानक है और इसी आधार पर अधिकारियों के कार्यों की ग्रेडिंग की जा रही है। IGRS पोर्टल पर जन...

लखनऊ ( अश्वनी कुमार सिंह ): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ( CM Yogi ) आदित्यनाथ की सर्वोच्च प्राथमिकता जन शिकायतों के निस्तारण में शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही मानक है और इसी आधार पर अधिकारियों के कार्यों की ग्रेडिंग की जा रही है। IGRS पोर्टल पर जन शिकायतों के गुणवत्तायुक्त निस्तारण में बार-बार लापरवाही पर सीएम योगी (CM Yogi) की भृकुटि तन गई है। सीएम योगी के निर्देश पर 24 जिलों के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपर मुख्य सचिव नियुक्ति और प्रमुख सचिव गृह को पत्र लिखा है।

चेतावनी के बाद भी जन शिकायतों की समीक्षा में सामने आई लापरवाही
CM योगी जनता दर्शन के जरिए सीधे आम लोगों से आमतौर पर रोजाना संवाद करते हैं और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण को लेकर कई बार अधिकारियों को निर्देश भी देते हैं। इसे लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय ने जिलाधिकारी ( DM ) कार्यालयों द्वारा अक्टूबर महीने में फीड की गई जन शिकायतों की समीक्षा दुबारा की। जिसमें पूर्व में चेतावनी देने के बाद भी आजमगढ़, बागपत, सोनभद्र, कासगंज, मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत और एटा जिले में आवेदकों के मोबाइल नंबर फीड नहीं किए गए या गलत फीड मिले हैं। ऐसे ही, पुलिस के हरदोई, रायबरेली, लखनऊ ग्रामीण, कासगंज, बलिया, मैनपुरी, लखनऊ, सहारनपुर, बांदा, कानपुर आउटर, बस्ती, अमेठी, हाथरस, हमीरपुर, मथुरा और संतकबीरनगर के जिले स्तर के कार्यालयों द्वारा अक्टूबर में फीड की गई जनशिकायतों की समीक्षा में भी चेतावनी के बावजूद लापरवाही सामने आई है। इस मामले को शासन की ओर से काफी गंभीरता से लिया गया है और इसे शासन की मंशा के विपरीत बताया गया है। साथ ही, नोडल अधिकारियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की अपेक्षा की गई है।

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CM कार्यालय ने हाल ही में जारी की थी 20 बिंदुओं पर चेक लिस्ट
CM योगी के सख्त निर्देशों के कारण जन शिकायतों के निस्तारण में हीलाहवाली, लेटलतीफी और टरकाने को लेकर हाल ही में CM कार्यालय ने उदाहरणों के साथ 20 बिंदुओं पर चेक लिस्ट जारी की थी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने रैंडम गुणवत्ता परीक्षण में खराब निस्तारण मिलने पर पुनर्जीवित मामलों में पहली बार IGRS के माध्यम से स्पष्टीकरण लेने और स्पष्टीकरण के संतोषजनक न होने पर दोषी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान किया था ।

सीएम कार्यालय के परीक्षण में कई तरह के गंभीर मामले आए सामने
जन शिकायतों के निस्तारण में सीएम कार्यालय के परीक्षण में कई तरह के गंभीर मामले सामने आए हैं। उदाहरण के तौर पर, अंतरिम रिपोर्ट या कार्रवाई  के लिए संबंधित को निर्देशित कर दिया गया है। पात्रता की जांच की जा रही है। आवेदक को कार्यालय में उपस्थित होकर अभिलेख प्रस्तुत करने के लिए अवगत करा दिया गया है। कार्य शीघ्र करा दिया जाएगा। वहीं, सरकार की योजनाओं का लाभ देने के लिए निर्धारित व्यवस्था से आवेदक को अवगत करा दिया गया है, जांच अधिकारी नामित है, जांच चल रही है, संबंधित से आख्या मांगी गई है, आवेदक द्वारा संबंधित कार्यालय में पत्र पेश करने पर गुण दोष के आधार पर कार्रवाई की जाएगी, आदि अंकित करते हुए संदर्भ निस्तारित नहीं करने के निर्देश दिए गए हैं। बल्कि संदर्भ का संज्ञान लेकर समुचित कार्रवाई कर रिपोर्ट अपलोड की जाए।

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CM कार्यालय द्वारा जारी की गई चेक लिस्ट की प्रमुख बातें

.पुलिस विभाग की ओर से संदर्भों के निस्तारण के लिए यदि आईपीसी की धारा 107/116/151 के तहत कार्रवाई की गई है, तो साक्ष्य के रूप में कार्रवाई की प्रति भी आख्या के साथ अपलोड करें।

.जल्दबाजी में मामले निस्तारित न करें, आवश्यकतानुसार आवेदक से फोन पर बात करने के बाद अंतिम निस्तारण रिपोर्ट अपलोड करें।

.भूमि विवाद में यदि किसी न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन है तो उसका संपूर्ण विवरण, न्यायालय का नाम, वाद संख्या, सुनवाई की अगली तिथि आदि अंकित कर आख्या अपलोड करें।

.भूमि विवाद या भूमि की पैमाइश के मामलों को थाना समाधान दिवस में दर्ज कर राजस्व और पुलिस की संयुक्त टीम गठित कर निस्तारित करें।

.सरकारी/सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा मिलने पर उसे तत्काल कब्जा मुक्त कराएं। एफआईआर दर्ज करने/वाद दाखिल करने की आवश्यकता होने पर कार्रवाई करते हुए न्यायालय का नाम, वाद संख्या, सुनवाई की अगली तिथि/एफआईआर संख्या और तिथि का उल्लेख करें। जिन मामलों में भूमाफिया ने अवैध कब्जा किया है और तहसील स्तर से कार्रवाई सम्भव न हो तो ऐसे अवैध कब्जेदारों को भूमाफिया की सूची में दर्ज कर कार्रवाई करें।

.तहसील स्तर से संबंधित मामलों के निस्तारण में नोटिंग की प्रति अपलोड न करें, बल्कि अंतिम निस्तारण आख्या, जो सक्षम स्तर से हस्ताक्षरित हो, उसकी स्वच्छ प्रति ही अपलोड करें।

.सरकार की योजनाओं का लाभ देने के लिए आवेदक के अपात्र मिलने पर उसके कारणों का स्पष्ट उल्लेख भी अंकित करें।

.यदि कोई संदर्भ FIR कराने से संबंधित है, तो उसका परीक्षण कराकर FIR करें। "तहरीर थाने में दिए जाने पर कार्रवाई की जाएगी" अंकित कर संदर्भ निस्तारित न करें।

.छात्रवृत्ति के मामलों को स्कूल/कॉलेज/संस्थानों की ओर से ऑनलाइन करने पर जनपद स्तरीय विभागीय अधिकारी द्वारा प्रथम स्टेज में चेक कर पाई गई कमियों को पूरा कराकर जिला समिति के समक्ष विचार के लिए प्रस्तुत करें और निर्णय के अनुसार ही कार्रवाई के बाद निस्तारण आख्या अपलोड करें। छात्रवृत्ति के मामलों का त्वरित निस्तारण यथासंभव आवेदन करने वाले वित्तीय वर्ष में ही किया जाए।

. IGRS के पुनर्जीवित मामलों में वरिष्ठ अधिकारी द्वारा आवेदक से वार्ता कर स्थलीय निरीक्षण करने के बाद साक्ष्य सहित आख्या अपलोड करें। खराब निस्तारण के लिए यदि संबंधित का स्पष्टीकरण मांगा गया है, तो स्पष्टीकरण की प्रति भी आख्या के साथ संलग्न करें। जिस अधिकारी/कर्मचारी की शिकायत है. उससे भिन्न अधिकारी से जांच कराकर निस्तारण आख्या अपलोड करें।

.जिन मामलों में स्थलीय निरीक्षण किया जाए, उनमें दो निष्पक्ष गवाहों के बयान, नाम, पता व मोबाइल नम्बर के साथ निस्तारण आख्या अपलोड करें।

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