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कुंभ नगरी में छाए 'चाबी वाले बाबा'... जानिए क्या है इनकी चाबियों की रहस्यमयी कहानी?

Edited By Purnima Singh,Updated: 02 Jan, 2025 06:34 PM

chaabi wale baba dominates kumbh nagri

संगम की रेती पर लग रहे देश के सबसे बड़े आध्यात्मिक मेले महाकुंभ के अनेकों रंग है। उन्हीं में से एक रंग है साधु ,महात्मा या फिर कहे बाबाओं का। महाकुंभ नगर पहुंच रहे बाबा अपने खास अंदाज से कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।...

प्रयागराज ( सैय्यद आकिब रज़ा ): संगम की रेती पर लग रहे देश के सबसे बड़े आध्यात्मिक मेले महाकुंभ के अनेकों रंग है। उन्हीं में से एक रंग है साधु ,महात्मा या फिर कहे बाबाओं का। महाकुंभ नगर पहुंच रहे बाबा अपने खास अंदाज से कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। इसी कड़ी में इन दिनों चाभी वाले बाबा चर्चा का विषय बने हुए हैं। बाबा का असल नाम हरीश चंद्र विश्वकर्मा है लेकिन कबीरा बाबा उर्फ़ चाबी वाले बाबा के नाम से चर्चित हैं। 

20 किलो की चाबी लेकर भ्रमण करते हैं कबीरा बाबा 
बाबा अपने साथ हाथ में 20 किलो की चाबी लेकर मेला का भ्रमण करते हैं। खास बात यह है की चाबी वाले बाबा अपने साथ एक गाड़ी भी लेकर आए हैं लेकिन उसको वह मोटर या इंजन के तहत नहीं बल्कि खुद ही धक्का देकर और घसीट करके चलाते हैं। अपनी चार पहिया वाहन को पूरे देश में पैदल ही खींचकर यात्राएं करते हैं और नए युग की कल्पना को लोगों तक पहुंचा रहे हैं। कबीरा बाबा बताते हैं कि उन्होंने सत्य की खोज की है। लोगों के मन में बसे अहंकार का ताला अपनी बड़ी सी चाबी से खोलते हैं। उनका कहना है कि लोगों को अहंकार, इर्षा से दूर रहना चाहिए। एक चाबी ही हर किस्मत का ताला खोलती है इसीलिए वह लोगों को प्रेरित करते हैं कि असल जिंदगी में जिस तरह ताला को चाबी खोलती है इस तरह नकारात्मक चीजों को दूर करने के लिए चाबी का इस्तेमाल जरूर होना चाहिए। 

'धर्म की रक्षा और मानव सेवा से बड़ा पृथ्वी पर कोई कार्य नहीं' 
स्वामी विवेकानंद को आदर्श मानते हुए कबीरा बाबा का कहना है कि उन्होंने 2008 में साइकिल से यात्रा की शुरुआत की थी जिसके बाद पिछले कई वर्षों से वह गाड़ी को घसीट कर देश की यात्रा करते हैं। रायबरेली के रहने वाले कबीरा बाबा की गाड़ी में अनेकों चाबियां है जहां वह यात्रा करते हैं, उसकी याद में एक चाबी जरूर बना लेते हैं और रास्ते पर इंसानियत का पाठ पढ़ाते हुए रास्ता तय करते हैं। कबीरा बाबा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा की धर्म की रक्षा और मानव सेवा से बड़ा पृथ्वी पर कोई कार्य नहीं है। वह महाकुंभ में लोगों को जागरूक करने और मानवता के प्रति प्रेरित करने आए हैं।


 

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