Edited By Ajay kumar,Updated: 01 Apr, 2023 12:04 PM

कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने केंद्र की मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। मोना ने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त करने के लिए और उन्हें सजा दिलाने की साजिश केंद्र सरकार ने रची। आरोप लगाया कि ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग...
बाराबंकी: कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने केंद्र की मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। मोना ने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता समाप्त करने के लिए और उन्हें सजा दिलाने की साजिश केंद्र सरकार ने रची। आरोप लगाया कि ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग भारतीय जनता पार्टी के फंटल संगठन की तरह काम कर रहे हैं।

भाजपा ने सोची-समझी साजिश के तहत अपने विधायक से दर्ज कराया मुकदमा
पूर्व सांसद पीएल पुनिया के आवास पर पत्रकारों से वार्ता करते हुए मोना ने कहा कि मोदी कोई जाति नहीं है बल्कि विशेष व्यवसाय करने वाले लोग मोदी कहलाते हैं। इसलिए किसी जाति विशेष और वर्ग के अपमान का तो सवाल ही नहीं उठता। भाजपा ने सोची-समझी साजिश के तहत पहले अपने विधायक से मुकदमा दायर कराया। फिर हाईकोर्ट में खुद प्रार्थना पत्र देकर इस पर रोक लगवाई। बाद में फिर वह हाईकोर्ट गए और कहा कि मुकदमा से चलाना चाहते हैं। 16 फरवरी को उन्होंने स्टे वापस लिया 27 फरवरी से सुनवाई शुरू हुई और 17 मार्च को फैसला सुरक्षित कर लिया गया। 23 मार्च को फैसला आ गया।

देश में लाखों मामले लंबित पर किसी में भी इतनी तेज सुनवाई नहीं हुई
मोना यहीं नहीं रुकी उन्होंने कहा कि देश में लाखों मामले लंबित हैं उन्हें नहीं लगता कि किसी भी मामले में इतनी तेज सुनवाई हुई हो। उन्होंने आरोप लगाया कि संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है। कहा कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का जो 400 का गैस सिलेंडर था तो सिलेंडर पकड़े हुए फोटो वायरल हुआ था।
राहुल की भारत यात्रा से घबरा गयी है भाजपा
मोना ने कहा कि दरअसल राहुल गांधी की भारत यात्रा की सफलता से भाजपा घबरा गई थी। कांग्रेस राहुल गांधी को बचाने की नहीं, बल्कि देश के लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ रही है। हमारे पूर्वजों ने कुर्बानियां दी हैं देश की आजादी के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। राहुल गांधी कोई आम आदमी नहीं हैं बल्कि उनके पर नाना भी प्रधानमंत्री थे उनकी दादी भी प्रधानमंत्री थीं और उनके पिताजी भी प्रधानमंत्री थे। कांग्रेस नेत्री ने कहा कि राहुल गांधी का दोष सिर्फ इतना था कि उन्होंने केंद्र सरकार से 3 सवाल किए थे कि मारीशस से जो 20000 करोड रुपए का निवेश अडानी की कंपनी में किया गया, वह पैसा किसका है।