Edited By Ajay kumar,Updated: 29 Aug, 2023 09:50 PM

किसान हों या पशुपालक, गौवंशों को 'रामभरोसे' न छोड़ें। अगर ऐसा किया तो उन पर कानूनी कार्रवाई संभव है। दरअसल, राज्य सरकार उप्र. में अभियान चलाकर युद्ध स्तर पर निराश्रित गौवंश का संरक्षण करने जा रही है।
लखनऊ: किसान हों या पशुपालक, गौवंशों को 'रामभरोसे' न छोड़ें। अगर ऐसा किया तो उन पर कानूनी कार्रवाई संभव है। दरअसल, राज्य सरकार उप्र. में अभियान चलाकर युद्ध स्तर पर निराश्रित गौवंश का संरक्षण करने जा रही है।

गोवंश छोड़ा जाता है तो विधिक कार्यवाही होगी
प्रथम चरण में गोरखपुर, बरेली एवं झांसी मंडल में 10 से 25 सितंबर तक निराश्रित गोवंश को संरक्षित करने और उनके भरण-पोषण की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश हैं। अगर 25 सितंबर के बाद इन मंडलों के किसानों एवं पशुपालकों द्वारा गोवंश को छोड़ा जाता है तो उनपर विधिक कार्यवाही होगी। पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने सोमवार को जारी एक संदेश में कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप पूरे राज्य में चरणबद्ध रूप से अभियान चलाया जाए। निराश्रित गोवंश की रोजाना सूचना फोटो समेत मुख्यालय पर दी जाए। स्थानीय प्रशासन, मनरेगा एवं पंचायतीराज विभाग की सहायता से जिलों में जल्द अस्थायी गोआश्रय स्थल बनवाएं।

ग्रामीण क्षेत्रों में कराई जाएगी पशुओं में ईयर टैगिंगः पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह
पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं में ईयर टैगिंग कराई जाएगी। चारागाह मुक्त भूमि की समीक्षा होगी। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के लिए पर्याप्त चारे-भूसे, औषधियों एवं संक्रामक रोगों से बचाव को टीकाकरण की व्यवस्था की जा रही है। लम्पी स्किन रोग की सूचना मिलने पर तत्काल इलाज होगा।