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मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर आज शाम थम जाएगा प्रचार अभियान, 5 तारीख को होगा मतदान

Edited By Ramkesh,Updated: 03 Feb, 2025 12:35 PM

campaigning for milkipur assembly seat will end this evening

मिल्कीपुर चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां चरम पर हैं। एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। आज शाम से चुनाव प्रचार थम जाएगा। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी...

लखनऊ ( अश्वनी कुमार सिंह): मिल्कीपुर चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां चरम पर हैं। एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। आज शाम से चुनाव प्रचार थम जाएगा। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी अपने-अपने प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभा को संबोधित कर जनता का समर्थन मांगेंगे।

सपा के सामने सीट बचाने की चुनौती
सियासी पार्टियां अपना पूरा जोर आजमाने में लगी हुई हैं। जहां, समाजवादी पार्टी  अपनी इस सीट को बचाने की कोशिश में जुटी है तो बीजेपी इस सीट को जीतकर अयोध्या में लोकसभा चुनाव की हार का बदला लेने की कोशिश करती दिख रही है। मिल्कीपुर उपचुनाव, चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव मिल्कीपुर  चुनावी जनसभा को संबोधित करेंगे।  कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के चुनाव मैदान में न होने से मिल्कीपुर विधानसभा के उपचुनाव में सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच माना जा रहा है। इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस ने सपा को मिल्कीपुर उपचुनाव में समर्थन दिया है। वोटर्स को रिझाने के लिए सियासी दल कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यहां पर लगातार सियासी दलों के स्टार प्रचारक पहुंच रहे हैं और अपनी पार्टी के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं।

सीएम योगी समेत कैबिनेट मंत्रियों ने मिल्कीपुरप्र में झोंकी ताकत
प्रचार के अंतिम चरण में रविवार  को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिल्कीपुर में जनसभा की। सोमवार यानी 3 फरवरी को रोड शो कर बीजेपी प्रत्याशी चंद्रभान पासवान के समर्थन प्रचार करेंगे। बीजेपी ने मिल्कीपुर विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए वहां पर कैबिनेट मंत्रियों की पूरी फौज को उतार दिया है।  बीजेपी के 20 से 25 मंत्री चुनाव प्रचार कर चुके हैं।

जातीय समीकरण साधने में जुटी दोनों पार्टियां
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद फैजाबाद संसदीय सीट पर भाजपा की हार की वजह से यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण हो गया है। पूरे देश की नजर दिल्ली विधानसभा के साथ हो रहे इस एकमात्र सीट के उपचुनाव पर टिकी हुई है। आरक्षित सीट होने की वजह से सभी दलों से दलित समुदाय के लोग ही चुनाव मैदान में हैं। भाजपा और सपा दोनों ही पासी बिरादरी से प्रत्याशी के बलबूते चुनाव मैदान में हैं। दोनों पार्टियों ने विधायकों तथा रणनीतिकारों की फौज उतार रखी है। सभी अपने अपने तरीके से मतदाताओं को भुनाने में जुटे हुए हैं।

ब्राह्मण मतदाताओं पर बीजेपी की नजर
ब्राह्मण मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा ने पूर्व विधायक खब्बू तिवारी और सपा ने पूर्व मंत्री पवन पांडेय व अन्य को लगा रखा है। खब्बू लगातार इलाके में सक्रियता बनाए हुए हैं। भाजपा के चंद्रभानु व सपा के अजित प्रसाद दोनों ही युवा हैं। दोनों इलाके में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं। यदि 2002 से पिछले पांच विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो तीन बार सपा और भाजपा व बसपा एक-एक बार जीत दर्ज करने में सफल रही है।

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