Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 06 May, 2023 11:47 AM

उत्तर प्रदेश में दो सीट रामपुर की स्वार और मिर्जापुर की छानबे विधानसभा सीट पर उप चुनाव में कब्जा बचाने में अपना दल (S) के साथ उसकी सहयोगी भाजपा की साख भी दांव पर है। दोनों सीटों के नतीजे आगामी लोकसभा...
लखनऊ (अश्वनी सिंह): उत्तर प्रदेश में दो सीट रामपुर की स्वार और मिर्जापुर की छानबे विधानसभा सीट पर उप चुनाव में कब्जा बचाने में अपना दल (S) के साथ उसकी सहयोगी भाजपा की साख भी दांव पर है। दोनों सीटों के नतीजे आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर महत्वपूर्ण होंगे। राजनीतिक हल्कों में चर्चा है कि स्वार और छानबे सीट पर प्रत्याशी भले ही अपना दल के हैं, लेकिन चुनाव के नतीजे भाजपा सरकार व संगठन के दृष्टिकोण से ही देखे जाएंगे। दोनों सीटों पर 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को निकाय चुनाव के साथ ही इन दोनों सीटों के परिणाम भी घोषित किए जाएंगे।

साख बचाने के लिए अपना दल के साथ ताकत लगाएगी भाजपा
भाजपा ने अब तक हुए उप चुनाव को सरकार और संगठन की प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाते हुए चुनाव जीतने में पूरी ताकत लगाई है। यही वजह है कि रामपुर लोकसभा, आजमगढ़ लोकसभा, रामपुर विधानसभा उप चुनाव में भाजपा को जीत मिली। हालांकि मुजफ्फरनगर की खतौली सीट पर भाजपा को शिकस्त का सामना भी करना पड़ा था। भाजपा ने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना को स्वार सीट का प्रभारी नियुक्त किया है। वहीं अपना दल से योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष सिंह पटेल छानबे की कमान संभाल रहे हैं। निकाय चुनाव के पहले चरण का मतदान समाप्त होने के बाद अब भाजपा सरकार और संगठन पूरी ताकत के साथ स्वार और छानबे सीट पर हो रहे उपचुनाव में जुटेंगे।

पसमांदा मुस्लिम का असर लोकसभा चुनाव तक जाएगा
स्वार में हिन्दू प्रत्याशी उतारने के बाद भी सपा ने उप चुनाव जीता तो स्पष्ट संकेत जाएगा कि मुस्लिम सपा के ही साथ हैं। वहीं यदि अपना दल ने चुनाव जीता तो भाजपा की रणनीति के साथ पसमांदा समाज को साधने की योजना सफल होगी। यह रणनीति भी लोकसभा चुनाव तक असर करेगी।