Edited By Ajay kumar,Updated: 14 Oct, 2019 03:25 PM
सोमवार की सुबह BHU कैंपस खुलते ही छात्रों का आंदोलन तब शुरू हो गया जब भारी तादाद में छात्रों ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चल रहे इंटरव्यू स्थल को लेकर भवन का घेराव करके जबरदस्त विरोध प्रदर्शन...
वाराणसी: सोमवार की सुबह BHU कैंपस खुलते ही छात्रों का आंदोलन तब शुरू हो गया जब भारी तादाद में छात्रों ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चल रहे इंटरव्यू स्थल को लेकर भवन का घेराव करके जबरदस्त विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी शुरू कर दी।
जानकारी मुताबिक विश्वविद्यालय के परफार्मिंग आर्ट विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में धांधली को लेकर दर्जनों की संख्या में छात्र धरने पर बैठकर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जिसका कारण होने वाली नियुक्तियों में जातिवाद और संविधान साक्षात्कार का विरोध बताया जा रहा है। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में हो रहे इंटरव्यू के लिए जनरल कैटेगरी में एससी, एसटी और ओबीसी को नहीं शामिल किया गया है। जबकि ना तो यूजीसी नियमावली ऐसी है और ना ही कोई विशेष आदेश। वहीं छात्रों ने विश्वविद्यालय पर मनमानी ढंग से नियुक्ति के लिए इंटरव्यू कराए जाने का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठे रहे।
SC, ST और OBC के छात्रों को अनदेखा कर जनरल कैटेगरी के छात्रों को वरीयता दी जा रही: जितेंद्र सिंह (BHU शोध छात्र)
BHU शोध छात्र का कहना है कि विश्वविद्यालय में जातिवाद के आधार पर यूजीसी के नियमावली को ताक पर रखा जा रहा है। जिससे SC, ST और OBC के छात्रों को अनदेखा कर जनरल कैटेगरी के छात्रों को वरीयता दी जा रही है। जिसमें ये कहकर SC, ST और OBC के छात्रों को एडमिट कार्ड नहीं भेजा जा रहा है कि- तुमने जो नेट क्वालीफाई किया है वो अपनी कैटेगरी के अंतर्गत किया है।