Edited By Deepika Rajput,Updated: 17 Jun, 2019 11:43 AM
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। 4 बार विधायक और 2 बार मंत्री रहे अयोध्या प्रसाद पाल ने एक बार फिर बसपा का दामन थाम लिया है। रविवार को बसपा के सेक्टर इंचार्ज अशोक गौतम ने इसकी घोषणा की।
कानपुरः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। 4 बार विधायक और 2 बार मंत्री रहे अयोध्या प्रसाद पाल ने एक बार फिर बसपा का दामन थाम लिया है। रविवार को बसपा के सेक्टर इंचार्ज अशोक गौतम ने इसकी घोषणा की।
बता दें कि, अयोध्या प्रसाद पाल वर्ष 1996 से 2017 तक लगातार विधायक रहे। इस दौरान बसपा शासन काल में नागरिक राज्य मंत्री और खेलकूद युवा कल्याण मंत्री भी बनाया गया। 2017 में बसपा से टिकट न मिलने पर अयोध्या प्रसाद ने सपा से विधानसभा में चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं सके। इसके बाद उन्होंने पुन: बसपा में शामिल होकर घर वापसी कर ली।
उल्लेखनीय है कि, बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव में मिली हार का ठीकरा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सिर फोड़ते हुए आगामी विधानसभा उपचुनाव में अकेले लड़ने का फैसला लिया है। मायावती ने कहा कि अखिलेश और उनकी पत्नी डिंपल ने मुझे सम्मान दिया है। मैंने भी पुराने गिले शिकवे भुलाकर राष्ट्र के हित में उनको अपने परिवार की तरह सम्मान दिया है। ये रिश्ते राजनीतिक स्वार्थ के लिए नहीं बने हैं। हमारे ये रिश्ते कभी भी खत्म नहीं होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मजबूत गढ़ में भी सपा को हार का सामना करना पड़ा। यादव समाज ने सपा को वोट नहीं दिया। सपा से भीतरघात हुआ है।
उन्होंने कहा कि हमारी भी राजनीतिक मजबूरियां हैं। यह कोई स्थाई विराम नहीं है। यदि हम भविष्य में महसूस करते हैं कि सपा प्रमुख अपने राजनीतिक कार्य में सफल हुए हैं तो हम फिर से एक साथ काम करेंगे, लेकिन अगर वह सफल नहीं होते तो हमारे लिए अलग से काम करना अच्छा रहेगा। वहीं मायावती के उपचुनाव में अकेले चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद अखिलेश यादव ने भी अपनी राहें अलग कर ली है। उन्होंने कहा कि सपा भी अकेले सभी 11 सीटों पर लड़ेगी। अगर बसपा के रास्ते अलग-अलग हैं तो उसका भी स्वागत और बधाई है।