Edited By Umakant yadav,Updated: 10 Feb, 2021 11:58 AM
![ayodhya iicrc will be named after maulvi ahmadullah shah seal of trust](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2021_2image_11_58_276572629ayodhya-ll.jpg)
अयोध्या में बनवाए जाने वाले इंडो-इस्लामिक कल्चरल रिसर्च सेंटर का नामकरण अवध में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की अगुवाई करने वाले सेनानी मौलवी अहमदुल्लाह शाह के नाम पर होगा। आईआईसीएफ ट्रस्ट के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने मंगलवार को बताया कि ट्रस्ट की सोमवार...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के ट्रस्ट द्वारा अयोध्या में बनवाए जाने वाले इंडो-इस्लामिक कल्चरल रिसर्च सेंटर का नामकरण अवध में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की अगुवाई करने वाले सेनानी मौलवी अहमदुल्लाह शाह के नाम पर होगा।
इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) ट्रस्ट के प्रवक्ता अतहर हुसैन ने मंगलवार को बताया कि ट्रस्ट की सोमवार शाम हुई वर्चुअल बैठक में इस फैसले पर मुहर लगाई गई। उन्होंने बताया कि रिसर्च सेंटर का नाम मौलवी अहमदुल्लाह शाह के नाम पर रखा जाएगा। इसमें एक संग्रहालय, पुस्तकालय और प्रकाशन भवन भी बनाया जाएगा। इसका मकसद देश के हिंदुओं और मुसलमानों द्वारा आजादी के लिए किए गए साझा संघर्ष और भाईचारे की रवायतों को एक बार फिर दुनिया के सामने लाना है।
गौरतलब है कि अहमदुल्लाह शाह 1857 के गदर के योद्धा थे। उनकी अगुवाई में अंग्रेजो के खिलाफ आजादी की पहली लड़ाई में अवध को जीता गया था। ब्रिटिश शासन से लोहा लेने वाले बड़े नामों में मौलवी अहमदुल्लाह शाह का नाम भी आता है। उन्हें हिंदू-मुस्लिम एकता को मजबूती से कायम रखने वाला नेतृत्वकर्ता भी माना जाता है।
हुसैन ने बताया कि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को उच्चतम न्यायालय के आदेश पर अयोध्या के धन्नीपुर गांव में आवंटित की गई पांच एकड़ जमीन पर दिल्ली की दो महिलाओं द्वारा किए गए दावे से संबंधित याचिका को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ द्वारा सोमवार को खारिज कर दिए जाने के बाद अब मस्जिद तथा अन्य इमारतों का नक्शा दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। उन्होंने बताया कि बैठक में अयोध्या के रहने वाले कैप्टन मोहम्मद अफजल अहमद खान को ट्रस्ट के 10वें ट्रस्टी के तौर पर शामिल करने का भी फैसला किया गया।