हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामला: AMU के निलंबित सहायक प्रोफेसर डॉ जितेंद्र कुमार को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया

Edited By Mamta Yadav,Updated: 08 Apr, 2022 11:46 AM

amu suspended assistant professor called for questioning by the police

उत्तर प्रदेश पुलिस ने बृहस्पतिवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविदयालय (एएमयू) के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के निलंबित सहायक प्रोफेसर डॉ जितेंद्र कुमार को एक व्याख्यान के दौरान कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से धार्मिक भावनाओं को आहत...

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश पुलिस ने बृहस्पतिवार को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविदयालय (एएमयू) के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के निलंबित सहायक प्रोफेसर डॉ जितेंद्र कुमार को एक व्याख्यान के दौरान कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से धार्मिक भावनाओं को आहत करने के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया।

पुलिस क्षेत्राधिकारी सिविल (लाइंस) एस पांडे ने पत्रकारों को बताया कि जांच के तहत निलंबित डॉक्टर को सिविल लाइंस थाने बुलाया गया है। इससे पहले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) प्रशासन ने एएमयू से संबद्ध जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के इन सहायक प्रोफेसर को हिन्दू पौराणिक कथाओं में 'बलात्कार' से सम्बन्धित उदाहरण देकर धार्मिक भावनाओं को आहत किए जाने के आरोप में बुधवार को निलम्बित कर दिया था। मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय समिति गठित की थी। एक अधिकारी ने बताया कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने दो सदस्यीय जांच समिति भी गठित की और जांच के नतीजे आने तक उन्हें निलंबित कर दिया गया। बृहस्पतिवार को विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर द्वारा गठित दो सदस्यीय जांच समिति अपनी जांच के साथ आगे बढ़ रही है और जल्द ही वह अपनी रिपोर्ट सौंप सकती है।

एएमयू के रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद ने बुधवार को बताया था कि जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर जितेंद्र कुमार पर आरोप है कि उन्होंने पिछले दिनों कक्षा में अपने एक व्याख्यान के दौरान भारतीय पौराणिक कथाओं में बलात्कार से संबंधित संदर्भों के इतिहास के बारे में कुछ विशिष्ट टिप्पणियां की थी जिससे कथित रूप से हिंदू छात्र-छात्राओं की धार्मिक भावनाएं आहत हुई थी। उन्होंने बताया कि मीडिया के जरिए यह मामला उठाए जाने पर कुमार को 'कारण बताओ नोटिस' जारी करके 24 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा गया है। हालांकि मामले की गम्भीरता और शुरुआती जांच में आरोप सही पाये जाने के कारण बुधवार को उन्हें निलम्बित भी कर दिया गया है।

इस बीच, आरोपी सहायक प्रोफेसर कुमार ने कुलपति को लिखे पत्र में बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा है कि उनकी मंशा किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने की नहीं थी। उन्होंने कहा कि वह सिर्फ यह दिखाना चाहते थे कि बलात्कार लंबे समय से हमारे समाज का हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा था कि यह "एक अनजाने में हुई गलती" थी और आश्वासन दिया कि "भविष्य में ऐसी कोई घटना नहीं होगी"।

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