'ईवीएम पर भरोसा नहीं होता', जर्मन सांसद के मतपत्र से चुनाव की विशेषता बताने पर बोले अखिलेश यादव

Edited By Imran,Updated: 29 Dec, 2024 04:24 PM

akhilesh yadav said on german mp describing the specialty of election

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को मतपत्र से चुनाव कराने की वकालत करते हुए कहा कि चुनाव ऐसा होना चाहिए, जिस पर भरोसा किया जा सके क्योंकि ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर भरोसा नहीं होता।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को मतपत्र से चुनाव कराने की वकालत करते हुए कहा कि चुनाव ऐसा होना चाहिए, जिस पर भरोसा किया जा सके क्योंकि ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) पर भरोसा नहीं होता। 

यादव ने फ्रैंकफर्ट (जर्मनी) के भारतीय मूल के सांसद राहुल कुमार कंबोज के साथ यहां समाजवादी पार्टी (सपा) मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज जर्मनी जैसा देश भी मतपत्र से चुनाव करा रहा है, लेकिन ‘‘भारत में फायदे के लिए ईवीएम से चुनाव कराने का खेल जारी है।'' सपा प्रमुख यादव ने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव ऐसा होना चाहिए, जिस पर भरोसा किया जा सके, ईवीएम पर किसी को भरोसा नहीं होता। उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है चुनाव जीतने वालों के चेहरे भी जीत के बाद लटके हुए नजर आते हैं, क्योंकि अंदर से उनको भी भरोसा नहीं होता। ये सवाल बड़ा है कि आखिर चुनाव जीतने वालों के चेहरे क्यों उतरे रहते हैं।'' 

इससे पहले रविवार को जर्मनी के सांसद राहुल कुमार कंबोज ने सपा मुख्यालय में अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद उनके साथ साझा संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जर्मनी में मतपत्र से चुनाव कराये जाने की बात की। मतपत्र से चुनाव के फायदे गिनाते हुए कंबोज ने कहा कि आज भी जर्मनी के अंदर मतदान मतपत्र से होता है और यह बड़ी बात है। यदि कोई कमी रह जाए तो दोबारा गणना हो सकती है। कंबोज ने लखनऊ में पहली बार आने का मौका मिलने और अखिलेश यादव से पिछले कई वर्षों से अपने संवाद की चर्चा करते हुए कहा, ‘‘हमारा प्रयास है कि जितने भी भारतीय मूल के हमारे भाई हैं, उनकी मदद हो सके ताकि जर्मनी और भारत की गुणवत्ता मिल जाए।'' उन्होंने अखिलेश यादव के साथ लोगों को जर्मनी में आने वाले दिनों में होने वाले सांस्‍कृतिक उत्‍सव में आने का निमंत्रण देते हुए कहा कि अब वीजा का संकट नहीं रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं हमेशा यह सोचता हूं कि ये दरिया के दो किनारे होते हैं उस किनारे को कैसे मिलाया जाये, इसके लिए एक सेतु की जरूरत पड़ती है। आज अगर देखा जाए कि जर्मनी के अंदर जो अवसर है या यह कहा जाए कि यूरोप के अंदर जो अवसर हैं, उसको चिन्हित करके भारत ले आएं, लखनऊ में लेकर आएं, इस पर मैं काम कर रहा हूं। इस कार्य में लगा हूं।'' 

सपा प्रमुख यादव ने कंबोज का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘आपने एक अवसर दिया कि जो रिश्ता बन रहा है, उसको एक दूसरे के साथ चलकर और गहरा बनााएं, जिसका लाभ प्रदेश और देश की जनता को मिल सके।'' यादव ने कहा, ‘‘मुझे खुशी होगी कि आज जब हम मिले तो आने वाले कल में हम लोग मिलकर कुछ ऐसा करें जिससे नई पीढ़ी का भविष्य बन सके।'' सपा प्रमुख यादव ने कहा, ''मुझे लगता है कि आज सबसे ज्यादा एक दूसरे के बीच सेतु बनाने की जरूरत है, उसी से हमारे रास्ते खुलेंगे। आज की पीढ़ी को सबसे ज्यादा नौकरी, रोजगार की जरूरत है, अच्छी पढ़ायी, अच्छा प्रशिक्षण और अच्छा हुनर उनके अंदर हो जाए।'' उन्होंने कहा, ‘‘हर नौजवान अपने भविष्य को बनाना चाहता है, वह भी अपने परिवार को कामकाज करके, मेहनत करके खुशहाल बनाना चाहता है।'' 

यादव ने समाजवादी पार्टी की अपने नेतृत्व की सरकार में अपनी जर्मनी यात्रा का प्रसंग सुनाते हुए कहा, ‘‘मुझे याद आ रहा है कि जब मैं जर्मनी में सरकार की तरफ से गया तो सबसे पहले फ्रैंकफर्ट गया और उस समय तय किया कि सड़क मार्ग से जाएंगे। किसी जमाने में वहां की सबसे बेहतरीन सड़क आज भी वैसे ही दिखती है।'' यादव ने कहा, ‘‘मैं फेंकफर्ट से चलकर हनोवर पहुंचा था। उसी समय मन बनाया था कि सड़क अच्छी बन सकती है तो कम से कम उसके बराबर उत्तर प्रदेश में सड़क बनाएंगे। सबने महसूस किया होगा कि जब आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर चलते हैं तो वह दुनिया की सबसे बेहतरीन सड़क महसूस होती है।'' 

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