उपचुनाव में जीत के बाद योगी ने BJP को फिर से शीर्ष पर पहुंचाया, गेमचेंजर साबित हुआ 'बटेंगे तो कटेंगे' नारा

Edited By Pooja Gill,Updated: 25 Nov, 2024 11:54 AM

after the victory in the by elections

लखनऊ: चुनावी राजनीति बहुत कठिन होती है क्योंकि इसमें बहुत तेजी से बदलाव होता है। खासकर उत्तर प्रदेश जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील राज्य में जहां नौ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनावों के नतीजों ने सत्तारूढ़ भाजपा को लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन...

लखनऊ: चुनावी राजनीति बहुत कठिन होती है क्योंकि इसमें बहुत तेजी से बदलाव होता है। खासकर उत्तर प्रदेश जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील राज्य में जहां नौ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनावों के नतीजों ने सत्तारूढ़ भाजपा को लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद फिर से शीर्ष स्थान पर पहुंचा दिया है। मुख्यमंत्री योगी ने अगस्त में ही 'बंटेंगे तो कटेंगे' जैसे नारों के साथ उपचुनावों के लिए पार्टी के अभियान की राह तय कर दी थी। इस नारे को हिंदू एकता को मजबूत करने के लिए बड़ी चतुराई से गढ़ा गया था और यह उपचुनावों में गूंजता रहा। योगी आदित्यनाथ का यह नारा भाजपा के लिए गेमचेंजर साबित हुआ। इस नारे ने न केवल यूपी के विपक्षियों को बैकफुट पर धकेल दिया, बल्कि योगी की राजनीति को भी नई मजबूती दी है।

उपचुनाव में योगी की रणनीति और सफलता
यूपी के उपचुनावों में भाजपा ने सपा से सिर्फ दो सीटें ही नहीं छीनीं, बल्कि भाजपा का वोट शेयर भी सपा के मुकाबले बहुत ज्यादा बढ़ा। यह योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुआ, जब उन्हें पूरी कमान दी गई थी। योगी ने उन सीटों पर ध्यान केंद्रित किया जहां भाजपा के लिए जीत मुश्किल थी, जैसे कटेहरी और कुंदरकी। योगी इन सीटों पर कई बार गए और इससे भाजपा को दोनों सीटों पर जीत हासिल हुई। इस प्रकार, भाजपा गठबंधन ने 9 में से 7 सीटें जीतने में सफलता पाई, और योगी का स्ट्राइक रेट 78% रहा।

महाराष्ट्र और झारखंड में भी योगी का प्रभाव
सीएम योगी भाजपा के स्टार प्रचारक माने जाते है। यूपी ही नहीं अन्य राज्यों में भी सीएम योगी की डिमांड रहती है। योगी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी अपनी ताकत दिखाई। उन्होंने 17 प्रत्याशियों के लिए प्रचार किया और 15 सीटों पर भाजपा की जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया। झारखंड में भी उनका प्रभाव साफ देखा गया, जहां उन्होंने 18 सीटों के लिए प्रचार किया, और भाजपा को 8 सीटों पर जीत मिली, हालांकि 10 सीटों पर हार भी हुई।

योगी की लोकप्रियता और 2027-2029 के चुनाव
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि उपचुनावों और महाराष्ट्र के परिणामों ने योगी की लोकप्रियता को और बढ़ा दिया है। वे अब 2027 विधानसभा चुनाव के साथ-साथ 2029 के लोकसभा चुनाव में भी अपनी दावेदारी की ओर बढ़ चुके हैं। योगी का नारा "बटेंगे तो कटेंगे" ने भाजपा के हिंदू वोट बैंक को एकजुट किया, और इसने विरोधियों के हौसले को तोड़ा। अब भाजपा के भीतर योगी की छवि और मजबूत हो गई है, और पार्टी में उनके समकक्ष कोई अन्य बड़ा नेता नजर नहीं आता।

संघ का समर्थन और योगी की ब्रांड वैल्यू
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि योगी का नारा "बटेंगे तो कटेंगे" संघ के लिए भी महत्वपूर्ण था। संघ की रणनीति हिंदू वोट बैंक को एकजुट करने की है, और योगी इस भूमिका के लिए सबसे उपयुक्त नेता हैं। उनके साढ़े सात साल के शासन, आक्रामक भाषण शैली और भगवा वस्त्र उन्हें भाजपा और संघ के लिए एक प्रमुख चेहरे के रूप में स्थापित करते हैं। इस नारे को संघ का समर्थन मिलने से यह साफ हो गया है कि योगी के नेतृत्व में पार्टी भविष्य में मजबूत होगी।

बुलडोजर अभियान पर एक नई दिशा
अब योगी आदित्यनाथ बुलडोजर अभियान को उसी तरह से आगे नहीं बढ़ाएंगे जैसा पहले होता था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, योगी ने स्पष्ट किया है कि बुलडोजर केवल तब ही चलेगा जब किसी माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत होगी, और यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के तहत की जाएगी। हालांकि, योगी का नया फोकस अब उनके नारे और अन्य मुद्दों पर होगा, जो जनता के बीच अधिक प्रभावी साबित हो रहे हैं।

बीजेपी में योगी की स्थिति
उपचुनाव और अन्य राज्यों के चुनावों में योगी के प्रचार का स्ट्राइक रेट बहुत अच्छा रहा है। भाजपा में उनके अलावा फिलहाल कोई और चेहरा 2027 के चुनाव में मुख्यमंत्री पद के लिए चुनौती नहीं दे सकता। उनकी लोकप्रियता सिर्फ यूपी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में बढ़ रही है। पीएम मोदी के बाद योगी आदित्यनाथ भाजपा में सबसे लोकप्रिय नेता माने जा रहे हैं, और उनके नेतृत्व में भाजपा को आने वाले चुनावों में भारी सफलता मिल सकती है।

'बटेंगे तो कटेंगे' बन चुका है राजनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा 
बता दें कि सीएम योगी ने उपचुनाव, महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों में अपनी सफलता से यह साबित कर दिया है कि वह भाजपा के सबसे महत्वपूर्ण और मजबूत नेता हैं। उनका नारा "बटेंगे तो कटेंगे" अब राजनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है, और इसने भाजपा को हिंदू वोट बैंक में मजबूती से स्थापित किया है। योगी की राजनीति अब सिर्फ यूपी तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी पकड़ पूरे देश में मजबूत हो रही है, और वह 2027 और 2029 के चुनावों में एक अहम भूमिका निभा सकते हैं।

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