Edited By Purnima Singh,Updated: 02 Feb, 2025 12:24 PM
संगम तट पर लगे देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुम्भ में शहीदों का भी एक गांव बसाया गया है। यहां देश को आज़ाद कराने के साथ साथ, कारगिल युद्ध , मुंबई 26-11 जैसे आतंकी हमले में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों के परिजन यहां श्रद्धांजलि और हवन का...
महाकुंभनगर (सयैद रजा) : संगम तट पर लगे देश के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुम्भ में शहीदों का भी एक गांव बसाया गया है। यहां देश को आज़ाद कराने के साथ साथ, कारगिल युद्ध , मुंबई 26-11 जैसे आतंकी हमले में अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों के परिजन यहां श्रद्धांजलि और हवन का हिस्सा बनते नज़र आ रहे हैं।
महाकुम्भ शेत्र के सेक्टर 18 स्थित संत श्री बालक योगेश्वर दास जी महाराज के शिविर में इनके लिए 30 से अधिक झोपडियां बनी हैं। साथ ही कई सेना टेंट भी लगवाए गए हैं। शिविर में विशाल यज्ञशाला बनाया गया है। जहा 108 हवन कुंड बने हुए हैं। यहां पर शहीदों के लिए शत कुण्डीय अति विष्णु महायज्ञ होता है। इसमें शहीदों के नाम की आहुतिय दी जाती है। इसके लिए कई धार्मिक नगरी से पंडित भी बुलाये गए हैं।
शहीदों के परिजनों को रहने के लिए भव्य व्यवस्था
शहीदों के इस नगर को देखने के लिए हर दिन श्रद्धालुओं का जमावड़ा देखने को मिलता है। शहीदों के इस नगर में शहीदों के परिजन को किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए कई इंतजाम किये गए हैं। हवन कुंड में प्रवेश करने के लिए सभी को धोती पहनना पड़ता है। जिसके बाद ही कोई श्रद्धालु हवन में बैठेगा। शहीदों के परिजनों के रहने का भी काफी भव्य व्यवस्था की गई है। 30 आधुनिक झोपडियां और 16 टेंट बने हुए हैं।
मिलिट्री रंग का रखा गया टेंट
ख़ास बात यह है कि टेंट मिलिट्री (ग्रीन )रंग का रखा गया है। जिसमें शहीदों के परिजन रहेंगे। बद्री नाथ धाम के श्री बालक योगेश्वर दास जी ने 2005 में पहली बार शहीद परिवारों के लिए अति विष्णु महायज्ञ किया था। कारगिल ,मुंबई और देश की आजादी में देश के लिए जान देने वालों की तस्वीर भी पूरे नगर में सजाई गई है। साथ ही पूरे शिविर में देशभक्ति के गीत भी आपको सुनने को मिलेंगे।