Edited By Deepika Rajput,Updated: 11 Jul, 2019 04:28 PM
नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश और पहाड़ी नालों के उफान के चलते करीब 55 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। बाढ़ के पानी में डूबकर अब तक दो लोगो की मौत हो चुकी है।
बलरामपुरः नेपाल से सटे उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश और पहाड़ी नालों के उफान के चलते करीब 55 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। बाढ़ के पानी में डूबकर अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। प्रशासन ने बाढ़ में फसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए एसडीआरएफ की दो टीमें बुलाई हैं। बाढ़ के पानी के कारण तुलसीपुर-महराजगंज, पचपेड़वा-गौरा मार्ग बंद हो गया है।
बारिश और पहाड़ी नालों के उफान के चलते बलरामपुर सदर तथा तुलसीपुर तहसील क्षेत्रों के करीब 55 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। पहाड़ी नाले के रास्ते में आने वाली अधिकांश सड़के व पुलिया टूट गई है। सैकड़ों हेक्टेअर फसलें बर्बाद हो गईं हैं। लोग जान जोखिम में डाल कर करीब तीन से चार फीट गहरे बाढ़ के पानी में होकर रास्ता पार करने को मजबूर हैं। सबसे खराब हालात तुलसीपुर तहसील के महराजगंज तराई और गौरा क्षेत्र की है। इन इलाकों में सरकारी स्कूलों में बाढ़ का पानी भर गया है, जिससे बच्चों की पढ़ाई बंद हो गई है। नेपाल के पहाड़ों पर हुई बारिश और बाढ़ के कारण सैकड़ों लोगों की जान खतरे में पड़ गई।
बड़े पैमाने पर जान माल के नुकसान के बाद प्रशासन की नींद टूटी है और राहत और बचाव कार्य की बात की जा रही है। जिलाधिकारी करुण करुणेश ने बताया कि फैजाबाद से 24 नाव मंगाई जा रही है जो दो माह तक पहाड़ी नाले की पुलिया व डिप के दोनों किनारे खड़ी रहेगी। साथ ही चेतावनी का एक बोर्ड भी लगवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि एसडीआरएफ की 2 टीमें बुलाकर तुलसीपुर और बलरामपुर तहसीलों क्षेत्रों में लगाई जा रही है। जिले के 16 बांधों का निरीक्षण करवा लिया गया है और कमी को दूर किया जा रहा है।
करीब 50 गांवों में जल भराव के कारण लोगों की मदद की जा रही है। 24 घंटे में पानी घटने की सम्भावना है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि बाढ़ के पानी को पार न करे और बच्चों को जलमग्न हुए स्थानों पर बिल्कुल न जाने दें।