पुलिस ने फर्जी बैंक का किया भंडाफोड़, यूपी के 8 जिलों में मिली 38 शाखाएं....17 करोड़ रुपए का टर्नओवर

Edited By Anil Kapoor,Updated: 21 May, 2023 11:40 AM

38 fake bank branches found in up three arrested

भदोही पुलिस (Bhadohi Police) ने राज्य के 8 जिलों में फर्जी बैंक (Face Bank) की 38 शाखाएं संचालित करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस (Police) ने मास्टरमाइंड समेत तीन लोगों को गिरफ्तार (Arrested) किया गया है। गिरोह के सदस्य आकर्षक रिटर्न की...

भदोही: भदोही पुलिस (Bhadohi Police) ने राज्य के 8 जिलों में फर्जी बैंक (Face Bank) की 38 शाखाएं संचालित करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस (Police) ने मास्टरमाइंड समेत तीन लोगों को गिरफ्तार (Arrested) किया गया है। गिरोह के सदस्य आकर्षक रिटर्न की पेशकश कर ग्राहकों को अपने 'बैंक' में खाता खोलने का लालच देते थे। गिरफ्तार आरोपी सैकड़ों भोले-भाले लोगों से 17 करोड़ रुपए (17 crore Rupees) से अधिक की ठगी (Cheating) कर चुके हैं।

जांच के दौरान मुरारी निकला इस दौरान गिरोह का सरगना
भदोही के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अनिल कुमार ने कहा कि ज्ञानपुर थाने, क्राइम ब्रांच और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने जौनपुर के मुरारी कुमार निषाद, सोनभद्र के अशोक कुमार और रमेश जायसवाल को गिरफ्तार किया है। राज्य के आठ जिलों में 'बीएसएमजे क्वासी बैंक' के नाम से संचालित शाखाएं हैं और इसके साथ ही कई हजार 'बैंक' खातों के जरिए 17 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का ब्योरा सामने आया है। अब तक हमें 38 की डिटेल मिल चुकी है। जांच के दौरान मुरारी इस दौरान गिरोह का सरगना निकला है।

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'बैंक' भदोही पुलिस के राडार पर तब आया जब 'बैंक' के अधिकारियों ने....
अधिकारी के मुताबिक, जहां मुरारी और अशोक ने खुद को 'बैंक' के प्रबंध निदेशक के रूप में पेश किया, वहीं रमेश ने शाखा प्रबंधक की भूमिका निभाई। पुलिस ने जालसाजों के पास से तीन चौपहिया वाहन, तीन लैपटॉप, 36 हजार रुपए, डेस्कटॉप कंप्यूटर, 53 स्टांप, 70 रजिस्टर, 618 पासबुक और 67.25 लाख रुपए के कई अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं। कुमार ने कहा कि 'बैंक' भदोही पुलिस के राडार पर तब आया जब 'बैंक' के अधिकारियों ने विभिन्न योजनाओं की परिपक्वता राशि का भुगतान बंद कर दिया था और अन्य लेनदार पुलिस से शिकायत करने लगे।

तीन महीने चली कवायद मुरारी, अशोक और रमेश की गिरफ्तारी के साथ हुई समाप्त
एसपी ने कहा कि जब शिकायतें बढ़ने लगीं, तो मैंने एक विशेष जांच दल का गठन किया, जिसने भारत सरकार के कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय, रजिस्ट्रार चिट्स और फंड और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ परामर्श करके बैंक की शाखा की जाँच की। इस बात के स्पष्ट होने के बाद कि इस बैंक को फर्जी तरीके से संचालित किया जा रहा है, तो इसे शुरू करने और संचालित करने में शामिल व्यक्तियों का विवरण एकत्र किया गया। यह कवायद तीन महीने चली और मुरारी, अशोक और रमेश की गिरफ्तारी के साथ समाप्त हुई। आठ पूर्वी यूपी जिलों के अलावा, जहां उनकी 38 शाखाएं थीं, उन्होंने झारखंड और अन्य पड़ोसी राज्यों के दूरदराज के इलाकों में निर्दोष लोगों को भी निशाना बनाया।

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गिरोह के सदस्यों के सभी बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया भी चल रही
बताया जा रहा है कि गिरोह न केवल लोगों को निवेश के लिए राजी करने के लिए एजेंटों को नियुक्त करता था बल्कि नियमित बैंकों की तरह उचित व्यवस्था में अपनी शाखाओं का संचालन भी करता था। वे आकर्षक प्रस्ताव देकर अपनी योजनाओं की परिपक्वता राशि का भुगतान करते थे, लेकिन एक बार यह सुनिश्चित करने के बाद कि किसी विशेष स्थान पर कोई नया खाता नहीं खोला जा रहा है, वे शाखा को बंद कर देते थे और भाग जाते थे। पुलिस ने कहा कि किंगपिन मुरारी ने दो महिलाओं से शादी की थी, जो आलीशान घरों में रहती थी और महंगी कारों का रखरखाव करती थी, गिरोह के सदस्यों के सभी बैंक खातों को फ्रीज करने की प्रक्रिया भी चल रही जांच के तहत शुरू की जा रही है।

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