यूपी के एक गांव के 36 युवाओं का UP Police में चयन, बगैर कोचिंग के हासिल की सफलता, 12 लड़कियां भी शामिल

Edited By Purnima Singh,Updated: 25 Mar, 2025 05:10 PM

36 youths from a village in up were selected in up police

उत्तर प्रदेश के बागपत के सरूरपुरकलां गांव के कुल 36 युवक-युवतियों ने हाल ही में भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण करके उत्तर प्रदेश पुलिस बल में स्थान हासिल किया है। सबसे खास बात यह है कि इनमें से अधिकांश ने बिना किसी कोचिंग संस्थान में दाखिला लिए यह परीक्षा...

बागपत : उत्तर प्रदेश के बागपत के सरूरपुरकलां गांव के कुल 36 युवक-युवतियों ने हाल ही में भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण करके उत्तर प्रदेश पुलिस बल में स्थान हासिल किया है। सबसे खास बात यह है कि इनमें से अधिकांश ने बिना किसी कोचिंग संस्थान में दाखिला लिए यह परीक्षा उत्तीर्ण की है। 

पुलिस भर्ती के लिए 48,17,441 लोगों ने किया था आवेदन
गांव के प्रधान जगवीर ने कहा, ‘‘हमारे गांव में एक भी कोचिंग संस्थान नहीं है, न ही हमारे पास पेशेवर शारीरिक प्रशिक्षक की सुविधा है। यहां के युवा खुद अभ्यास करते हैं।'' उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (यूपीपीआरपीबी) ने 13 मार्च को सीधी भर्ती-2023 के तहत 60,244 उम्मीदवारों के चयन की घोषणा की थी। पिछले साल फरवरी के शुरू में आयोजित भर्ती प्रक्रिया को प्रश्नपत्र लीक होने के कारण रद्द करना पड़ा था। इसके बाद अगस्त में दोबारा परीक्षा हुई थी। पुलिस में भर्ती के लिए 48,17,441 लोगों ने आवेदन किया था। 

गांव के करीब 150 युवाओं ने भरा था फॉर्म - प्रधान 
सुरूरपुर कलां गांव के प्रधान जगवीर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि करीब 20-22 हजार आबादी वाले सरूरपुरकलां गांव के युवाओं को फौज या पुलिस में जाने की चाहत होती है, लेकिन युवाओं की पहली प्राथमिकता अब पुलिस है। उन्होंने कहा कि इस बार गांव के करीब 150 युवाओं ने पुलिस भर्ती का फॉर्म भरा था, जिनमें से 12 लड़कियों समेत कुछ 36 युवा सिपाही पद पर चयनित होने में सफल रहे। 

मायावती के कार्यकाल में 65 का पुलिस में हुआ था चयन 
ऐसा पहली बार हुआ है? यह पूछने पर जगवीर ने बताया कि इससे पहले मायावती के तीसरे मुख्यमंत्रित्व काल में 65 युवक-युवतियों का पुलिस में चयन हुआ था। जगवीर कहते हैं कि जाट बहुल इस गांव के युवाओं के लिए पुलिस और सेना की नौकरी सबसे प्रिय है। यही वजह है कि गांव में हर दूसरे घर का कोई ना कोई सदस्य या तो पुलिस में है या फिर सेना में। इस बार उत्तर प्रदेश पुलिस में चयनित होने वालों में गांव की भारती नैन बीएससी के बाद इतिहास में स्नातकोत्तर की परीक्षा उत्तीर्ण कर चुकी हैं। 

भारती की बड़ी बहन बनीं उनकी प्रेरणा, आखिरकार सफलता आई हाथ 
भारती की बड़ी बहन पारुल दिल्ली पुलिस में पांच साल पहले भर्ती हुई थीं जो छोटी बहन भारती नैन की प्रेरणा बन गईं। भारती नैन बताती हैं कि उनको को यह सपना पूरा करने के लिए कम संघर्ष नहीं करना पड़ा और कई बार विफलताएं झेलनी पड़ीं। वर्ष 2021 में वह उत्तर प्रदेश पुलिस में दरोगा की अंतिम चयन सूची में स्थान बनाने से चूक गई थीं। इसके बाद उन्होंने 2024 में चंडीगढ़ पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा पास की, लेकिन लंबी कूद प्रतियोगिता में पिछड़ गईं। कई बार मिली असफलता के बावजूद भारती हिम्मत नहीं हारी। भारती ने कहा कि हर विफलता के बाद वह फिर से पूरी मेहनत के साथ आगे की तैयारी में जुट जाती थीं। वह घर से चंद कदम दूर स्थित एक मैदान में प्रतिदिन सुबह तीन किमी दौड़ लगातीं और फिर घर पर रहकर ऑनलाइन पढ़ाई करती थीं। भारती ने आखिरकार उत्तर प्रदेश पुलिस की लिखित परीक्षा पास की और अब शारीरिक परीक्षा में भी सफलता हासिल करके अपने सपने को साकार कर दिया। 

पहली बार में ही यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में सफलता 
गांव की ही कोमल शर्मा ने भी उप्र पुलिस भर्ती की परीक्षा पास कर ली है। कोमल कहती हैं, ‘‘मैंने दिल्ली पुलिस, सीआरपीएफ, चंडीगढ़ पुलिस, हरियाणा पुलिस, एसएससी स्टेनो, यूपीपीसीएल सहित कई भर्ती परीक्षाएं दीं। ज्यादातर परीक्षाओं में मामूली अंतर से चयन सूची से बाहर हो गई। पहली बार उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती की परीक्षा दी और सफलता मिल गई।'' 

पुलिस भर्ती परीक्षा में उत्तीर्ण अंजलि बीएड की पढ़ाई कई साल पहले पूरी कर चुकी हैं। उनका कहना है कि वह शिक्षिका बनना चाहती थीं, लेकिन पिछले दो सालों से यूपीटेट की परीक्षा नहीं हुई है। अंजलि कहती हैं कि वह शिक्षिका बनने के लिए और ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहती थीं इसलिए उन्होंने दिल्ली पुलिस और रिजर्व पुलिस बल की भर्ती परीक्षा के फॉर्म भरे लेकिन उन परीक्षाओं का अंतिम परिणाम अभी तक नहीं आया है। हालांकि, इस बीच उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती की परीक्षा दी जिसमें वह सफल हो गईं। 

36 युवाओं में 12 लड़कियां
गांव के आर्यन नैन कहते हैं, ‘‘हमारे गांव के 36 युवा पुलिस में चयनित हुए हैं। इनमें 12 लड़कियां हैं।'' गांव के ही अभिषेक नैन उप्र पुलिस में चयनित होने के बाद से काफी खुश हैं। तैयारी कैसे की, यह पूछने पर अभिषेक कहते हैं,‘‘गांव में ना तो कोई मैदान है, ना कोचिंग संस्थान और ना ही पुस्तकालय। हमने तो घर में रहकर ही तैयारी की। घर से खेत तक रोजाना दौड़ लगाकर पसीना बहाया है।'' 

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