हत्या व डकैती के मामले में एक ही परिवार के नौ लोगों समेत 14 को सजा, छह दोषियों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना

Edited By Ramkesh,Updated: 26 Jul, 2024 06:54 PM

14 people including nine members of the same family sentenced

उत्तर प्रदेश में बदायूं जिले की एक अदालत ने आपसी रंजिश के चलते हुई डकैती और हत्या के करीब 17 साल पुराने मामले में एक ही परिवार के नौ लोगों समेत कुल 14 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और छह दोषियों पर 50-50 हजार रुपये और आठ...

बदायूं: उत्तर प्रदेश में बदायूं जिले की एक अदालत ने आपसी रंजिश के चलते हुई डकैती और हत्या के करीब 17 साल पुराने मामले में एक ही परिवार के नौ लोगों समेत कुल 14 आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई और छह दोषियों पर 50-50 हजार रुपये और आठ पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) राजेश बाबू शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि 25 जुलाई को विशेष न्यायाधीश रेखा शर्मा ने मामले में 14 आरोपियों को दोषी करार दिया। ये सभी जमानत पर थे।

 उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार की देर शाम को इन सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और छह दोषियों पर 50-50 हजार रुपये और आठ पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। शर्मा ने बताया कि जुर्माना अदा न करने की स्थिति में सभी को छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। उन्होंने बताया कि थाना जरीफनगर क्षेत्र के गांव खरखोल में 2007 में राधेश्याम नामक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। थाना जरीफनगर के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) रवि करण ने बताया कि राधेश्याम की हत्या के मामले में हरपाल सिंह, नरेश, राजू, परसोती और महेश समेत छह लोगों के खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। पुलिस ने विवेचना पूरी कर अपना आरोप पत्र दाखिल किया था और मामले में सभी अभियुक्तों की गिरफ्तारी हुई थी।

हालांकि राधेश्याम की हत्या के आठ दिन बाद ही 15 फरवरी, 2007 को हरपाल सिंह के बेटे पान सिंह की हत्या कर दी गयी। शर्मा ने बताया कि पान सिंह के पिता हरपाल सिंह ने तहरीर दी कि राधेश्याम की हत्या के आठ दिन बाद ही 15 फरवरी 2007 की सुबह आठ बजे राधेश्याम के परिजनों ने फरसे, लाठियों और अन्य असलहे के साथ उनके घर पर हमला कर दिया। तहरीर के मुताबिक सभी ने फायरिंग करते हुए घर में रखे जेवर, कपड़ा आदि सामान लूट लिया और पान सिंह को पीटते हुए घर से खींच ले गए और कुल्हाड़ी से काटकर मौत के घाट उतार दिया।

 शर्मा ने बताया कि हत्या व डकैती की धाराओं में दर्ज प्राथमिकी में हरपाल की तहरीर के आधार पर 12 लोगों को नामजद किया गया। पुलिस को जांच के बाद आरोप पत्र दाखिल करते समय चार और आरोपियों के नाम सामने आए और कुल 16 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान नामजद अभियुक्तों में से दो की मौत हो गयी। एडीजीसी ने बताया कि उम्रकैद की सजा पाने वालों में राधेश्याम के सगे भाई उरमान व धर्म सिंह, चाचा भरोसे, चचेरा भाई अतर सिंह तथा परिवार से जुड़े राम सिंह, नरेश, भगवान सिंह, विनीत, प्रेम सिंह शामिल हैं। इनके साथ रहे मझोला के वीरपाल, वंशीपुर गांव के बलवीर, गोबरा निवासी टीटू, संभल जिले के बहजोई थाना क्षेत्र के गांव कैलमुंडी निवासी धर्मवीर व एक अन्य श्रीपाल को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गयी। मुकदमे के दौरान आरोपी साधु सिंह और रामअवतार की मौत हो गई। 

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