कुश्ती महासंघ अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेंगे बृजभूषण, जानिए यौन उत्पीड़न के लगे आरोप पर क्या कहा?

Edited By Ajay kumar,Updated: 17 Apr, 2023 05:36 PM

brij bhushan will not contest the election of wrestling federation president

नंदिनी नगर में चल रही नेशनल रैकिंग प्रतियोगिता व अंडर-17 नेशनल चैंपियनशिप के दौरान सभागार में रविवार को फेडरेशन के पदाधिकारियों के साथ सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने ऐलान किया कि रेशलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष पद पर उनका 12 साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है।

गोंडाः नंदिनी नगर में चल रही नेशनल रैकिंग प्रतियोगिता व अंडर-17 नेशनल चैंपियनशिप के दौरान सभागार में रविवार को फेडरेशन के पदाधिकारियों के साथ सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने ऐलान किया कि रेशलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष पद पर उनका 12 साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है। सात मई को होने वाले चुनाव में वह अब भाग नहीं लेंगे लेकिन चर्चा है कि वह अपनी जगह अपने बेटे करन भूषण शरण सिंह को फेडरेशन के अध्यक्ष का चुनाव लड़ा सकते हैं।

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यूपी कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष हैं करण
करण यूपी कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष हैं। बैठक में उन्होंने यह संकेत दिए कि वह महासंघ में अध्यक्ष के अलावा नई भूमिका की तलाश कर सकते हैं। रविवार को डब्ल्यूएफआई के महासचिव वीएन प्रसाद की अध्यक्षता में आयोजित आम परिषद और कार्यकारी समिति की बैठक में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की। सांसद बृजभूषण ने बताया कि वह डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष के रूप में चार-चार साल के तीन कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। फेडरेशन के नियमों के अनुसार 12 साल के बाद वह फिर अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। वह डब्ल्यूएफआई की पांच सदस्यीय कार्यकारी समिति के सदस्य बने रह सकते हैं इस बात के संकेत दिए हैं। बृजभूषण का कूलिंग ऑफ पीरियड 2027 में पूरा होगा और तब तक वह 70 साल के हो जाएंगे।

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समिति का निष्कर्ष सरकार के पास
यौन उत्पीड़न मामले में उन्होंने कहा कि उन्हें तीन सप्ताह तक कामकाज से दूर रहने के लिए कहा गया था। बाद में छह सप्ताह तक बढ़ा दिया गया था। अब मामले को तीन माह हो रहे हैं। आईओए और निगरानी कमेटी के सामने वह अपनी बात प्रस्तुत कर चुके हैं। उन्होंने किसी प्रकार का नियम का उल्लंघन नहीं किया है। समिति का निष्कर्ष सरकार के पास है और वह रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

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पहलवानों ने जो कहा वह हास्यास्पद है
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि पहलवानों ने जो कहा वह हास्यास्पद है। यदि मैंने साक्षी मलिक के साथ कुछ गलत किया होता तो फिर वह मुझे अपनी शादी में क्यों बुलाती। वे अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक मामलों को लेकर मेरे पास आते थे। वे मेरे बेटे- बहू के साथ बैठते थे। साथ में भोजन करते थे। अब वे अचानक ही आरोप लगाने लगे कि मैंने उन्हें परेशान किया। जब यह मसला सुलझ जाएगा तो महासंघ के मन में बदले की भावना नहीं होगी। विरोध करने वाले पहलवान ही नहीं कई ऐसे लोग हैं जो अब मेरा सामना नहीं कर सकते हैं। लेकिन यदि वे खेलना चाहते हैं तो सभी के लिए प्रक्रिया पहले की तरह एक जैसी होगी। सभी योग्य खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं लेकिन डब्ल्यूएफआई किसी पहलवान को ओलंपिक ट्रायल से छूट नहीं देगा। भले ही उस पहलवान ने उस वर्ग में कोटा हासिल किया हो। यदि बजरंग ओलंपिक कोटा हासिल करता है तो उसे ओलंपिक में खेलने के लिए राष्ट्रीय ट्रायल्स के विजेता से भिड़ना होगा। यदि वह हार जाता है तो भी उसे 15 दिन बाद फिर से मुकाबला करने और भारतीय टीम में जगह बनाने का मौका दिया जाएगा। किसी तरह का भेदभाव नहीं होगा। इन पहलवानों को मोहरा बनाया गया, विवाद के पीछे कोई और है ।

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