Edited By Umakant yadav,Updated: 30 Sep, 2020 02:15 PM

अयोध्या (Ayodhya) में बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) का विवादित ढांचा (Disputed structure) गिराए जाने के मामले में 28 साल बाद आज ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया। सीबीआई की स्पेशल अदालत ने (CBI Special Court) ने बाबरी...
नई दिल्ली/ लखनऊ: अयोध्या (Ayodhya) में बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) का विवादित ढांचा (Disputed structure) गिराए जाने के मामले में 28 साल बाद आज ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया। सीबीआई की स्पेशल अदालत ने (CBI Special Court) ने बाबरी विध्वंस के सभी 32 आरोपियों को बरी (ALL 32 Acquitted) कर दिया है।

वहीं खबर मिलते ही भाजपा नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि अदालत का आज का निर्णय बहुत ही महत्वपूर्ण और हम सबके लिए खुशी का निर्णय। यह एक ऐतिहासिक फैसला है। इसमें हम सबको 28 साल बाद न्याय मिला है।
कोर्ट ने कहा- आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले
बता दें कि बाबरी विध्वंस केस (Babri demolition case) में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत के न्यायाधीश एसके यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना पूर्व नियोजित नहीं थी। यह एक आकस्मिक घटना थी। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ कोई पुख्ता सुबूत नहीं मिले, बल्कि आरोपियों ने उन्मादी भीड़ को रोकने की कोशिश की थी। विशेष सीबीआई अदालत के न्यायाधीश एस के यादव ने 16 सितंबर को इस मामले के सभी 32 आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में मौजूद रहने को कहा था।
हालांकि वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी,उमा भारती, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, राम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास और सतीश प्रधान अलग-अलग कारणों से न्यायालय में हाजिर नहीं हो सके।