Edited By Ajay kumar,Updated: 02 Dec, 2023 06:02 PM

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले जिन छोटे दलों को कांग्रेस और भाजपा ने हल्के में लिया था, एग्जिट पोल के बाद अब उनकी संभावित ताकत को लेकर दोनों ही दल सशंकित हैं। खासतौर से मध्य प्रदेश व राजस्थान में यदि चौंकाने वाले नतीजे आते हैं तो उसकी देन...
नई दिल्ली: पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले जिन छोटे दलों को कांग्रेस और भाजपा ने हल्के में लिया था, एग्जिट पोल के बाद अब उनकी संभावित ताकत को लेकर दोनों ही दल सशंकित हैं। खासतौर से मध्य प्रदेश व राजस्थान में यदि चौंकाने वाले नतीजे आते हैं तो उसकी देन यही छोटे दल ही होंगे। मतदान पूर्व मध्य प्रदेश में कांग्रेस की लहर बताई जा रही थी। एग्जिट पोल के बाद भाजपा को प्रचंड बहुमत दिया जा रहा है। जबकि एग्जिट पोल के मुताबिक मध्य प्रदेश में भाजपा को 42 से 43 प्रतिशत तक मत मिले हैं, जबकि कांग्रेस एवं छोटे दलों को 53 प्रतिशत मत मिले हैं।

छोटे दलों में ये पार्टियां हैं प्रमुख
छोटे दलों में बहुजन समाज पार्टी, आम आदमी पार्टी एवं समाजवादी पार्टी प्रमुख हैं। इन दलों को एग्जिट पोल ने मध्य प्रदेश में अधिकतम 11 सीटें दी है। मध्य प्रदेश में बहुमत के लिए 116 सीटें चाहिए। एग्जिट पोल ने कांग्रेस को 100 एवं भाजपा को 125 सीटें दी है। इस प्रकार यदि भाजपा मध्य प्रदेश में बहुमत के पार जाती है तो उसका श्रेय उक्त छोटे दलों को जाएगा जिन्होंने गैर भाजपा मतों को कांग्रेस के खिलाफ विभाजित कर दिया। यही स्थिति राजस्थान में भी है। वहां पर भाजपा को 102 और कांग्रेस को 86 सीटें तक मिलने का अनुमान है जबकि छोटे दलों को 8 सीटें दी जा रही है। यदि राजस्थान में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिलता है तो उसका भी श्रेय छोटे दलों को ही जाएगा।

3 दिसंबर को होगी सभी राज्यों में मतगणना
गौरतलब है कि देश के पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के लिए मतदान के बाद आए ज्यादातर एग्जिट पोल में राजस्थान और मध्य प्रदेश में भाजपा को बढ़त मिलने का अनुमान लगाया गया है। वहीं तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के आगे रहने की संभावना जताई गई है। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 7 नवंबर और 17 नवंबर को मतदान हुआ था। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर, राजस्थान में 25 नवंबर और तेलंगाना को 30 नवंबर को वोट डाले गए थे। मिजोरम में 7 नवंबर को मतदान हुआ था। इन सभी राज्यों में मतगणना 3 दिसंबर को होगी।