कोरियर से आए पार्सल से 2000 कारतूस गायब, मचा हड़कंप (PICS)

Edited By ,Updated: 27 Nov, 2015 04:36 PM

2000 cartridges missing from the parcel couriers making a stir

कोरियर कंपनी के जरिए लखनऊ से कानपुर भेजे गए रायफल के दो हजार कारतूस गायब होने की घटना को जिला प्रशाशन ने गंभीरता से लेते हुए मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं।

कानपुर(अंबरीश त्रिपाठी): कोरियर कंपनी के जरिए लखनऊ से कानपुर भेजे गए रायफल के दो हजार कारतूस गायब होने की घटना को जिला प्रशाशन ने गंभीरता से लेते हुए मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। जांच में 10 बिन्दुओं को रखा गया है कि सेफ एक्सप्रेस कोरियर से आये 2000 कारतूस यहां आते-आते गिट्टियों में कैसे बदल गए। कारतूस मामले को कलेक्ट्रेट के बाबू तीन महीने से दबाए बैठे थे लेकिन अधिकारियों के संज्ञान में मामला आने पर हड़कंप मच गया। एडीएम सिटी ने सिटी मजिस्ट्रेट को मामले की जांच सौंपी है। 
 
क्या है मामला-
मेस्टन रोड स्थित बालाजी गन हाउस के मालिक जयकरन सिंह ने अगस्त माह में लखनऊ स्थित पापुलर गन हाउस से 315 बोर रायफल के दो हजार कारतूस खरीदे थे। पापुलर गन हाउस ने 8अगस्त को लखनऊ की सेफ एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड कोरियर कंपनी से कारतूस का पैकेट बुक किया था। 10 अगस्त को पैकेट कानपुर के मेस्टन रोड में बालाजी गन हाउस पहुंचा। बालाजी गन हाउस के मालिक जयकरण के मुताबिक जब पैकेट खोला तो उसमें पत्थर के टुकड़े निकले। इस पर उन्होंने डिलीवरी देने आए कोरियर कर्मी को पैकेट वापस कर दिया। जयकरन ने इसकी शिकायत लखनऊ के पापुलर गन हाउस के मालिक से की तो उन्होंने बताया कि कोरियर कंपनी ने कारतूस पैकेट में होने की तस्दीक के बाद ही बुकिंग की थी। इसके बाद जयकरन ने कानपुर व लखनऊ के डीएम से घटना की शिकायत की। लेकिन कलेक्ट्रेट में लिपिकों ने उनका पत्र दबा दिया। 
 
गन हाउस के मालिक पर भी उठे सवाल 
कानपुर ज़ोन के आई.जी. आशुतोष पाण्डेय के अनुसार यह काफी गंभीर मामला है। इस मामले के प्रत्येक तथ्य की कड़ाई से जांच होगी। लेकिन आई.जी. आशुतोष पाण्डेय ने बालाजी गन हाउस के मालिक जय करण सिंह पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस पूरे घटना 
क्रम में जयकरण सिंह ने अब तक स्थानीय पुलिस थाना और पुलिस विभाग के अधिकारियों को सूचना क्यों नहीं दी? इस पर भी पड़ताल की जाएगी। 
 
सिटी मजिस्ट्रेट दिए जांच के आदेश-
कारतूस गायब होने के मामले पर जब एडीएम सिटी अविनाश सिंह से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि सिटी मजिस्ट्रेट को जांच दे दी गयी है। जांच में 10 बिन्दुओं को रखा गया है कि सेफ एक्सप्रेस कंपनी के कोरियर से आये 2000 कारतूस यहां आते आते कैसे गिट्टियों में बदल गए। निश्चित रूप से मामला सवेंदनशील और गंभीर है यहां से लेकर लखनऊ तक जांच जारी है और निश्चित रूप से जिसने ये काम किया है उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। 
 
आम्र्स गायब होने की यह कोई पहली घटना नहीं है इससे पहले कानपुर की पुलिस लाइन शस्त्रागार से राइफल के कारतूस, मैगजीन और
एके 47 गायब हो चुकी है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेसी विधायक विलायती राम कात्याल हत्याकाण्ड में इसी एके 47 राइफल का इस्तेमाल किया गया था।

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