Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Sep, 2017 03:12 PM
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में मंगलवार शाम से लेकर रात 12 बजे तक आल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन (एआईएसएफ) और आल इंडिया यूथ फेडरेशन (एआईवाईएफ) की कन्या कुमारी से शहीद भगत सिंह...
हरदोई(अशीष द्विवेदी)-उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में मंगलवार शाम से लेकर रात 12 बजे तक आल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन (एआईएसएफ) और आल इंडिया यूथ फेडरेशन (एआईवाईएफ) की कन्या कुमारी से शहीद भगत सिंह स्मारक हुसैनीवाला तक जाने वाला मार्च पुलिस प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गया। दरअसल इस लॉन्ग मार्च का नेतृत्व जेएनयू के पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार कर रहे हैं। जिन्हें लखनऊ के रास्ते हरदोई कुछ देर रुकते हुए बदायूं तक करना था।
कन्हैया कुमार के हरदोई आने की खबर के बाद तमाम हिंदू संगठन सड़क पर आ गए और उन्होंने मार्च आने पर मारपीट करने की धमकी दे डाली। इतना ही नहीं लाठी-डंडाें से लैस हाेकर संगठन के लाेग सड़क पर उतर आए। हिंदू संगठनों के उग्र रूप को देखते हुए प्रशासन ने 50 किलोमीटर पहले ही इस मार्च को रोक लिया।
जिसके बाद मार्च में चल रहे लोग सड़़क पर उसी रास्ते से जाने की जिद को लेकर धरने पर बैठ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। बाद में करीब साढ़े ग्यारह बजे रात काे भारी पुलिस बंदोबस्त के बीच हरदोई शहर से बाहर इस यात्रा को निकाल कर किसी तरह टकराव टाला गया। हालांकि मार्च के दौरान जेएनयू छात्र नेता कन्हैया कुमार की बजाय यात्रा का नेतृत्व एआईवाईएफ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन तिरुमलई और सीपीआई के प्रदेश महासचिव कर रहे थे। भारी पुलिस बंदोबस्त में इस मार्च को हरदोई की सीमा से बाहर निकालने के बाद पुलिस और प्रसाशन ने राहत की सांस ली हैं।
नाैजवानाें आैर विद्यार्थियाें की उठ रही हैं मांगें- CPM
सीपीएम नेता अरविन्द राज स्वरूप ने कहा कि स्वतंत्र भारत में हमलाेग अपने रास्ते में जा रहे हैं। नाैजवानाें आैर विद्यार्थियाें की मांगे उठ रही हैं। पुलिस प्रशासन ने जिस भी डायरेक्शन पर हमें राेका हम लाेगाें ने उसका शांतिपूर्ण ढ़ंग से प्राेटेस्ट किया आैर उन्हें अपना तर्क दिया। मुझे लगता है कि पुलिस ने लखनऊ फाेन किया हाेगा उन्हें वहां से डायरेक्शन मिल गया हाेगा कि आप जा सकते हैं।
SDM ने दिया अजीबोगरीब तर्क
जब इस मामले काे लेकर संडीला के एसडीएम ए.के. सिंह से बात की गई ताे उन्हाेंने अजीबाेगरीब तर्क दिया। ए.के. सिंह ने बताया कि आगे जाम लगने की वजह से ही लांग मार्च काे राेकना पड़ा है।