हल्द्वानी बस अड्डे के निर्माण मामले में त्रिवेंद्र सरकार फंसी, नैनीताल HC ने मांगा जवाब

Edited By Nitika,Updated: 16 Oct, 2020 03:16 PM

trivandra government stuck in haldwani bus construction case

उत्तराखंड के हल्द्वानी में अंतरराज्यीय बस अड्डा के निर्माण के मामले में राज्य सरकार बुरी तरह फंस गई है। उच्च न्यायालय की ओर से राज्य सरकार को अंतिम मौका देते हुए बस अड्डे को गौलापार से अन्यत्र स्थानांतरित करने के मामले में जवाब देने को कहा है।

 

नैनीतालः उत्तराखंड के हल्द्वानी में अंतरराज्यीय बस अड्डा के निर्माण के मामले में राज्य सरकार बुरी तरह फंस गई है। उच्च न्यायालय की ओर से राज्य सरकार को अंतिम मौका देते हुए बस अड्डे को गौलापार से अन्यत्र स्थानांतरित करने के मामले में जवाब देने को कहा है।

कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि वह 3 सप्ताह के अंदर बताएं कि गौलापार से बस अड्डा स्थानांतरित करने के लिए कौन से कारण मौजूद हैं। हल्द्वानी के गौलापार निवासी रवि शंकर जोशी की ओर से शुक्रवार को दायर जनहित याचिका पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति रवींद्र पैठाणी की युगल पीठ में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि सरकार ने बिना उचित कारण के गौलापार में बनाए जाने वाले अंतरराज्यीय बस अड्डे को हल्द्वानी के 3 पानी क्षेत्र में स्थानांतरित करने का निर्णय ले लिया गया है।

वहीं याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया सरकार अभी तक गौलापार में बनाए जाने वाले बस अड्डे पर 11 कराड़ रुपए खर्च कर चुकी है जबकि इसके लिए लगभग 2625 पेड़ों की बलि दी जा चुकी है। याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि साल 2009-10 में राज्य सरकार की ओर से नए बस अड्डे के निर्माण के लिए हल्द्वानी में सर्वे काम शुरू किया गया।

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