Edited By Nitika,Updated: 08 Apr, 2021 03:03 PM
उत्तराखंड की देव संस्कृति को वैश्विक तथा भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए स्थानीय देवी- देवताओं की देव डोलियों के कुम्भ स्नान की सभी तैयारियां व्यवस्थित रूप से की जाए। यह निर्देश बुधवार को राज्य के पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने...
देहरादूनः उत्तराखंड की देव संस्कृति को वैश्विक तथा भव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए स्थानीय देवी- देवताओं की देव डोलियों के कुम्भ स्नान की सभी तैयारियां व्यवस्थित रूप से की जाए। यह निर्देश बुधवार को राज्य के पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को दिए।
सतपाल महाराज ने देव डोलियों की कुम्भ स्नान की विरासतीय शोभा यात्रा को ऋषिकेश से लेकर हरिद्वार तक सभी जगह आवागमन से लेकर देव डोलियों के दर्शन के लिए आने वाले भक्तगणों के आवागमन, मंच-पंडाल, जलपान, सुरक्षा, यातायात तथा भीड़ प्रबन्धन की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होने अधिकारियों को शोभा यात्रा का रूट चार्ट बनाते हुए आपसी समन्वय से कार्यक्रम को भव्य स्वरूप प्रदान करते हुए देव डोलियों के गारिमा के अनुकूल सभी तरह की व्यवस्थाएं करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को देव डोलियों तथा भक्तगणों पर चॉपर अथवा ड्रोन से पुष्प बर्षा करने के लिए भी निर्देश दिए।
वहीं पर्यटन मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की भूमि देवी- देवताओं की भूमि है। इसके कण-कण अपने आप में देवतुल्य है तथा लगभग सभी प्रदेश में कोई न कोई ऐसी बात परम्परा से प्रचलित है, जिनका सम्बन्ध किसी न किसी देवी-देवता से है। उन्होंने कहा कि प्राचीन समय से ही परम्परा के अनुसार देवी-देवताओं की देव डोलियां कुम्भ के दौरान हरिद्वार में स्नान करने आती हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्तगण उनके दर्शन करते हैं। इसी परम्परा के अनुसार हरिद्वार कुम्भ महापर्व 2021 में भी देव डोलियां हरिद्वार में कुम्भ स्नान में आएंगी।