ऋषिकेश-कर्णप्रयाग प्रस्तावित रेल लाइन के दस्तावेजों से छेड़छाड़ मामले की जांच पूरी

Edited By Nitika,Updated: 13 Jan, 2020 04:05 PM

rishikesh karnprayag proposed investigation of the tampering of documents

उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक प्रस्तावित रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजा राशि मामले में उच्च न्यायालय के फैसले से संबंधित दस्तावेजों में कथित छेड़छाड़ की सतर्कता अधिष्ठान नैनीताल ने जांच पूरी कर ली है।

हल्द्वानीः उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक प्रस्तावित रेल लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजा राशि मामले में उच्च न्यायालय के फैसले से संबंधित दस्तावेजों में कथित छेड़छाड़ की सतर्कता अधिष्ठान नैनीताल ने जांच पूरी कर ली है।

पुलिस अधीक्षक नैनीताल डॉ. अमित श्रीवास्तव ने इस जांच की पुष्टि की है। सूत्रों के अनुसार गढ़वाल में देहरादून के ऋषिकेश से चमोली जिले के कर्णप्रयाग तक रेल लाइन के विस्तारीकरण के लिए टिहरी गढ़वाल जिले के कीर्तिनगर परगना स्थित मथेला गांव में भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजा राशि से संबंधित मामले में भूमि के पट्टाधारक अनिल किशोर जोशी ने जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।

वहीं कोर्ट ने याचिकाकर्ता को सक्षम अपीलीय अधिकारी के समक्ष अपील करने को कहा था। याचिकाकर्ता ने भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन प्राधिकरण देहरादून में अपील प्रस्तुत की जिस पर प्राधिकरण ने जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय के आदेश पर रोक लगाते हुए मामले में उचित मुआवजे की गणना के लिए भूमि पर खड़े शहतूत के पेड़ों की दोबारा गिनती करने का आदेश दिया।

इस संबंध में रेल विकास प्राधिकरण द्वारा भी न्यायालय में एक याचिका दाखिल की गई है। इस पूरे प्रकरण से सम्बंधित कुछ दस्तावेजों में भिन्नता के संबंध में उच्च न्यायालय द्वारा एक महत्वपूर्ण जांच सतर्कता अधिष्ठान, उत्तराखंड से करवाए जाने का निर्णय लिया गया था। मामले में विस्तृत जांच के बाद रिपोर्ट प्रेषित कर दी गई है।

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