Edited By Ramkesh,Updated: 02 Mar, 2025 01:26 PM

निजी और सरकारी स्कूलों में बिना कोई दक्षता परीक्षा पास किए शिक्षण कार्य रहे देशभर के शिक्षकों को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि कोई भी शिक्षक पात्रता परीक्षा को पास किए बगैर अपनी सेवा...
लखनऊ: निजी और सरकारी स्कूलों में बिना कोई दक्षता परीक्षा पास किए शिक्षण कार्य रहे देशभर के शिक्षकों को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने महत्वपूर्ण आदेश में कहा कि कोई भी शिक्षक पात्रता परीक्षा को पास किए बगैर अपनी सेवा नहीं दे सकता है। अगर उसे इस सेवा से जुड़े रहना है तो उसे पात्रता परीक्षा को हर हाल में पास करना होगा। नहीं तो वह सेवा के योग्य नहीं माना जाएगा। यह नियम सिर्फ सरकारी स्कूलों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सभी निजी स्कूलों पर भी लागू होगा।
जानिए कोर्ट ने CTET को क्यों माना जरूरी
दरअसल, एक जनहित याचिका दायर की थी। जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना के खंड 4 में संशोधन किया। मगर कक्षा एक से आठवीं तक के लिए शिक्षक की नियुक्त करते समय न्यूनतम योग्यता माफ कर दी जा रही है, यदि उस शिक्षक की नियुक्ति अधिसूचना जारी होने से पहले हुई थी। जनहित याचिका में कहा गया कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद का यह निर्णय छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाला है। हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया और आदेश दिया कि सभी शिक्षकों को सीटीईटी की परीक्षा से गुजरना होगा। उसके बाद ही वे अपनी नौकरी बचा पाएंगे
कोर्ट के आदेश का पड़ेगा व्यापक असर
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बाद बिना CTET की परीक्षा पास किए शिक्षण कार्य कर रहे लोगों को अब इस परीक्षा से गुजरना होगा। उसके बाद ही शिक्षक के रूप में सेवा दे सकेंगे। यह नियम सिर्फ सरकारी स्कूलों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि सभी निजी स्कूलों पर भी लागू होगा। ऐसा न करने पर कोर्ट के आदेश की अवमानना होगी। छात्रों को बेहतर गुणवत्ता वाली शिक्षा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। सीटीईटी परीक्षा का उद्देश्य शिक्षा के स्तर में सुधार लाना है, ताकि आने वाली पीढ़ी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
बिना शिक्षक पात्रता परीक्षा के हो रही थी नियुक्तियां
केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) को लेकर वर्ष 2010 में अधिसूचना जारी कर दी गई थी। इसके बाद वर्ष 2015 में इसमें संशोधन किया गया और इसे लागू किया गया। हालांकि, इसके बावजूद निजी और सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति बगैर पात्रता परीक्षा के जारी रही। हालांकि अब कोर्ट के आदेश के बाद भर्ती प्रक्रिया रोक लगेगी।