Lucknow News: रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल व ड्रोन के जरिए रिहंद डैम की मैपिंग व आइडेंटिफिकेशन सर्वे कराएगी योगी सरकार

Edited By Anil Kapoor,Updated: 21 Jul, 2024 01:49 PM

yogi government will conduct mapping and identification survey of rihand dam

Lucknow News: उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में प्रयासरत योगी सरकार जल्द ही सोनभद्र के पिपरी स्थित रिहंद डैम की क्रैक्स मैपिंग व आइडेंटिफिकेशन सर्वे कराने जा रही है। बांध के अबव वॉटर व अंडर वॉटर क्रैक्स के आंकलन और चिन्हांकन की...

Lucknow News: उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में प्रयासरत योगी सरकार जल्द ही सोनभद्र के पिपरी स्थित रिहंद डैम की क्रैक्स मैपिंग व आइडेंटिफिकेशन सर्वे कराने जा रही है। बांध के अबव वॉटर व अंडर वॉटर क्रैक्स के आंकलन और चिन्हांकन की प्रक्रिया को रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (आरएवी) व ड्रोन (अंडर वॉटर यूएवी) के जरिए पूरा किया जाएगा। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन लिमिटेड के अंतर्गत उत्तर प्रदेश जल विद्युत निगम लिमिटेड द्वारा एजेंसी निर्धारण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि इस पूरी प्रक्रिया द्वारा रिवर बेड के 35 हजीर स्क्वेयर मीटर की वीडियोग्राफी कराई जाएगी और 2डी व 3डी डाटा कैप्चरिंग तकनीक के जरिए आंकड़ों का संकलन किया जाएगा। अपस्ट्रीम सर्फेस को मैप करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी और इसी के आधार पर डैम की स्थिति को लेकर एक डीटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया को एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन के उपरांत 3 महीने की समयावधि में पूरा किया जाएगा तथा इस मद में 76.50 लाख रुपए का व्यय किया जाएगा।

स्टेट ऑफ द आर्ट फैसिलिटी का होगा सर्वे कार्य में प्रयोग
अपनी अनुपम प्राकृतिक सौंदर्य के लिए न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार व मध्य प्रदेश के पर्यटकों में प्रसिद्ध रिहंद डैम में क्रैक्स आइडेंटिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए जिस आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा उसे स्टेट ऑफ द आर्ट फैसिलिटी की संज्ञा दी जाती है। रिहंद बांध की अपस्ट्रीम दीवार पर पानी के ऊपर और पानी के नीचे वीडियोग्राफी आयोजित कर इसके माप (लंबाई, चौड़ाई और गहराई), निर्माण सामग्री के नुकसान और गिरावट जैसे मानकों की पहचान की जा सके। निरीक्षण किया जाने वाला क्षेत्र जलाशय तल तक पानी के स्तर से नीचे (लगभग 35,000 वर्ग मीटर क्षेत्र) और पानी के ऊपर (लगभग 10,000 वर्ग मीटर क्षेत्र) है। यह निरीक्षण कार्य आरओवी (रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल) का उपयोग करके किया जाएगा, जिसमें डाटा कैप्चरिंग उपकरण, कम रोशनी वाले एचडी कैमरे, डेप्थ सेंसर, अल्टीमीटर, पानी के अंदर के लिए लेजर और यूएवी (मानव रहित हवाई वाहन) के 2डी, 3डी डाटा कैप्चरिंग की जाएगी।

प्रत्येक फ्रेम की होगी जियो टैगिंग
सर्वे द्वारा जुटाए गए डाटा में से सॉफ्टवेयर का उपयोग करके दोषों को चिह्नित किया जाएगा और दोषों के विवरण को निर्धारित करने के लिए पानी के ऊपर के लिए माप की रिपोर्ट की जाएगी। बांध के मुख पर मार्किंग ग्रिड के संदर्भ में बांध के शीर्ष पर प्रत्येक फ्रेम और डिस्प्ले स्क्रीन की पोजिशनिंग/जियोटैगिंग की जाएगी। प्रभारी अभियंता (अधिशासी अभियंता रिहंद कॉलोनी सिविल अनुरक्षण प्रभाग पिपरी, सोनभद्र उ.प्र.) कार्य के निष्पादन के लिए नोडल प्राधिकारी होंगे और कॉन्ट्रैक्टर एजेंसी द्वारा की किए गए कार्यों के प्रत्येक चरण को प्रभारी अभियंता उत्तरदायित्व व निरीक्षण में पूरा किया जाएगा। निरीक्षण के बाद रॉ डाटा का विजुअल एनालिसिस प्रस्तुत किया जाएगा, जिसमें गहराई के अंकन के साथ प्रत्येक फ्रेम की जियो टैगिंग कर दरारों, गड्ढों, क्षति, निर्माण सामग्री की गिरावट आदि सहित किसी भी दृश्यमान चिंताजनक बिंदुओं की पहचान की जाएगी। इसके बाद डीडेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाई जाएगी जिसे सॉफ्ट कॉपी के साथ ही पेन-ड्राइव में संसाधित एचडी वीडियो प्रस्तुत करने के साथ एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

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