Edited By Purnima Singh,Updated: 09 Feb, 2025 04:48 PM
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वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज को कौन नहीं जानता। देश और विदेशों से लोग उनके दर्शन के लिए वृंदावन पहुंचते हैं। जहां एक तरफ विदेशों के लोग भी प्रेमानंद महाराज की तारीफ करते नहीं थकते हैं। वहीं दूसरी ओर वृंदावन के ही कुछ लोगों ने प्रेमानंद महाराज की...
मथुरा: वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज को कौन नहीं जानता। देश और विदेशों से लोग उनके दर्शन के लिए वृंदावन पहुंचते हैं। जहां एक तरफ विदेशों के लोग भी प्रेमानंद महाराज की तारीफ करते नहीं थकते हैं। वहीं दूसरी ओर वृंदावन के ही कुछ लोगों ने प्रेमानंद महाराज की रात दो बजे निकलने वाली पदयात्रा का विरोध किया। जिसके बाद उन्होंने अपनी पदयात्रा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया था।
कब कहां और कैसे मिलेंगे प्रेमानंद महाराज
हालांकि, अब संत प्रेमानंद महाराज ने वृंदावन में रात दो बजे निकलने वाली अपनी पद यात्रा का रूट, टाइमिंग और तरीका बदल दिया है। प्रेमानंद महाराज अपनी कार से केलि कुंज आश्रम पहुंचे। संत पहले रात करीब 2 बजे निकलते थे अब वह तड़के 4 बजे निकलते हैं।
क्यों हो रहा था विरोध?
बता दें कि जिस रास्ते से होकर प्रेमानंद महाराज की पदयात्रा रात दो बजे गुजरती है, वहां की कॉलोनियों में सैकड़ों लोग रहते हैं। पदयात्रा के दौरान प्रेमानंद महाराज उनके अनुयायी और उत्साहित भक्त कई तरह के बैंड बाजे, आतिशबाजी और लाउडस्पीकर पर भजन चलाते हैं। ऐसे में इन कॉलोनियों में रहने वाले लोग रात के समय होने वाले इस शोरगुल से परेशान हो रहे थे। जिसके चलते उन्होंने सोमवार को अपना विरोध जताया।
स्वास्थ्य का हवाला देकर स्थगित की पदयात्रा
लोगों के विरोध के चलते संत ने अधिक भीड़ होने और अपने स्वास्थ्य का हवाला देकर पदयात्रा स्थगित कर दी है। जिसका असर वृंदावन के मंदिरों में देखा गया। श्रद्धालुओं की संख्या में पिछले दो दिन में काफी कमी आई है। संत के अनुयायियों में मायूसी छाई हुई है। बता दें कि उनकी पदयात्रा के दौरान दर्शन के लिए 10 से 12 हजार श्रद्धालु रहते थे।