Edited By Anil Kapoor,Updated: 07 Feb, 2025 07:23 AM
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Mahakumbh 2025: आज (7 फरवरी) से विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) का महाकुंभ में 3 दिवसीय बैठक शुरू करने जा रहा है। यह तीन दिवसीय बैठक झूंसी में वीएचपी शिविर में आयोजित हो रही है। इस मौके पर वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय महासचिव बजरंग लाल बागरा ने पत्रकारों से...
Mahakumbh 2025: आज (7 फरवरी) से विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) का महाकुंभ में 3 दिवसीय बैठक शुरू करने जा रहा है। यह तीन दिवसीय बैठक झूंसी में वीएचपी शिविर में आयोजित हो रही है। इस मौके पर वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय महासचिव बजरंग लाल बागरा ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि इस बैठक में हिंदू मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने, जनसांख्यिकीय असंतुलन और वक्फ बोर्ड की शक्तियों पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न और अयोध्या फैसले के बाद काशी और मथुरा जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों की मुक्ति पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
मिली जानकारी के मुताबिक, बजरंग लाल बागरा ने यह भी कहा कि बैठक में भारत और विदेशों से वीएचपी के 47 प्रांतों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस कार्यक्रम के मुख्य सहभागी वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार, महासचिव मिलिंद परांडे, संयुक्त महासचिव विनायकराव देशपांडे और बजरंग दल, मातृ शक्ति तथा दुर्गा वाहिनी जैसे संबंधित संगठनों के नेता होंगे।
पाकिस्तान से हिंदू श्रद्धालु पहुंचे महाकुंभ
इस बीच, महाकुंभ की आध्यात्मिक महिमा से प्रभावित होकर पाकिस्तान के सिंध प्रांत से 68 हिंदू श्रद्धालुओं का एक समूह गुरुवार को प्रयागराज पहुंचा। इस समूह ने संगम में पवित्र स्नान कर अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। यूपी सूचना विभाग के अनुसार, इन श्रद्धालुओं ने गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर अनुष्ठान किए और अपने पूर्वजों के लिए विशेष पूजा अर्चना की।
महंत रामनाथ ने बताया कि वे पहले हरिद्वार गए थे, जहां उन्होंने महाकुंभ में आने से पहले लगभग 480 पूर्वजों की अस्थियां विसर्जित कीं और वहां अनुष्ठान किए। इस दौरान सिंध निवासी गोबिंद राम मखेजा ने कहा, "महाकुंभ के बारे में सुनकर हमारी गहरी इच्छा थी कि हम भी यहां आएं। अब हमें आकर बहुत संतुष्टि महसूस हो रही है।" यह महाकुंभ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण अवसर बन गया है, जिसमें विभिन्न राज्यों और देशों से लोग आकर अपनी श्रद्धा और आस्था व्यक्त कर रहे हैं।