Edited By Ramkesh,Updated: 24 Jan, 2025 07:37 PM
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने शुक्रवार को कहा कि अब समय आ गया है कि सरकारें हिदू मंदिरों को उन्हें वापस करें और इसके लिए विजयवाड़ा में ढाई लाख लोगों के साथ आंदोलन शुरू हो गया है, जिसे गति दी जाएगी। महाकुंभनगर में विहिप...
महाकुंभनगर: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने शुक्रवार को कहा कि अब समय आ गया है कि सरकारें हिदू मंदिरों को उन्हें वापस करें और इसके लिए विजयवाड़ा में ढाई लाख लोगों के साथ आंदोलन शुरू हो गया है, जिसे गति दी जाएगी। महाकुंभनगर में विहिप की ओर से आयोजित विराट संत सम्मेलन के बाद पत्रकारों से मुखातिब कुमार ने कहा, “आने वाले दिनों में हम मंदिरों को मुक्त कराने के लिए आंदोलन तेज करेंगे।
सरकारें मंदिरों का धन कानूनी या गैर-कानूनी तरीके से अपने खाते में डाल रही हैं, जो बंद होना चाहिए।” उन्होंने कहा, “संत सम्मेलन में इस बात पर भी चर्चा हुई कि वक्फ अधिनियम केवल एक ही धर्म के लिए क्यों है। हिंदू मंदिरों में दान देते हैं, सिख गुरुद्वारे में दान देते हैं और ईसाई गिरिजाघरों में दान देते हैं, तो क्या सभी धर्मों के दान के लिए एक कानून नहीं होना चाहिए।
कुमार ने कहा कि हालांकि, सभी धर्मों के लिए कानून जब आएगा तब आएगा, मौजूदा समय में हम वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन का समर्थन करते हैं। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने पत्रकारों से कहा, “संत सम्मेल में बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर संत महात्मा बहुत उद्वेलित दिखे। मानवाधिकार आयोग बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार पर मौन हो जाता है।”
उन्होंने कहा, “संतों ने राज्य सरकारों द्वारा हिंदुओं के मठ-मंदिरों के अधिग्रहण पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने मांग की कि हिंदू मठ-मंदिरों को अविलंब सरकार के नियंत्रण से मुक्त किया जाए।” विहिप के मीडिया प्रभारी अश्वनी कुमार ने बताया कि विराट संत सम्मेलन में जगद्गुरु शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती, आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि, आचार्य महामंडलेश्वर विशोकानंद, स्वामी राजेंद्र देवाचार्य, स्वामी हरिहरानंद जी, निर्मोही अखाड़ा के महंत राजेंद्र दास सहित बड़ी संख्या में संत-महात्मा शामिल हुए।