Edited By Purnima Singh,Updated: 23 Jan, 2025 03:47 PM
सांप्रदायिक तनाव और भेड़ियों के हमलों के लिए सुर्खियों में रहे उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल देखने को मिल रही है, जहां एक मंदिर में मोहम्मद अली पिछले 18 साल से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बहराइच जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर...
बहराइच : सांप्रदायिक तनाव और भेड़ियों के हमलों के लिए सुर्खियों में रहे उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल देखने को मिल रही है, जहां एक मंदिर में मोहम्मद अली पिछले 18 साल से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। बहराइच जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर जैतापुर बाजार में अली श्री वृद्ध मातेश्वरी माता घूरदेवी मंदिर की देखरेख करते हैं और यह मंदिर अब मुसलमानों के लिए भी अराधना स्थल है।
इस तरह मंदिर में बढ़ी आस्था
अली, देवी घूर देवी और भगवान हनुमान की पूजा करने के साथ-साथ रोजा और नमाज अदा भी करते हैं। अपने बचपन की महत्वपूर्ण घटना को याद करते हुए अली ने कहा, ‘‘जब मैं सात साल का था, तब मुझे ‘ल्यूकोडर्मा' नामक बीमारी हो गई थी, जिससे मेरी आंखें सफेद हो गई थीं। इलाज से कोई फायदा नहीं हुआ। जब मेरी मां मुझे घूरदेवी मंदिर ले गईं तब जाकर ठीक हुआ।'' अली ने कहा कि उनका मानना है कि ‘‘पवित्र पिंडी का जल लगाने'' से यह बीमारी ठीक हुई।
देवी मां ने सपने में आकर सेवा करने को कहा - अली
उन्होंने कहा कि उन्होंने 2007 में मंदिर में सक्रिय रूप से सेवा करना शुरू किया, जब उन्हें एक सपना आया जिसमें देवी ने उनसे मंदिर में सेवा करने के लिए कहा। अली के नेतृत्व में मंदिर में विकास कार्य किए गए। कटाई के मौसम में अनाज संग्रह के माध्यम से धन जुटाने जैसी पहलों के जरिए महत्वपूर्ण संसाधन जुटाए गए।
अली ने मीडिया से बात करते हुए बताया, ‘‘मंदिर के विकास के लिए अकेले इस साल 2.7 लाख रुपये जुटाए गए हैं।'' मंदिर के जीर्णोद्धार में सार्वजनिक योगदान तथा सरकारी सहायता से भी मदद मिली है और निर्माण तथा रखरखाव के लिए 30.40 लाख रुपये से अधिक की राशि खर्च की गई है। हाल ही में जयपुर से 2.5 लाख रुपए में 5.5 फुट की हनुमान जी की प्रतिमा मंगवाई गई।
मुस्लिम होकर हनुमान में आस्था
उन्होंने बताया कि 15 से 19 जनवरी तक पूरे विधि विधान से भगवान हनुमान जी की प्राण प्रतिष्ठा की गई और रविवार को भंडारे में तीन से चार हजार लोग आए। कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र में मंदिर समिति के अध्यक्ष के रूप में अली का नाम प्रमुखता से लिखा गया, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्थानीय विधायक सुरेश्वर सिंह मुख्य अतिथि थे। जिला पर्यटन अधिकारी मनीष श्रीवास्तव ने पुष्टि की कि दो वर्ष पहले मंदिर को धार्मिक पर्यटन पहल में शामिल किया गया, जिससे इसका दर्जा और बढ़ गया।