Edited By Ramkesh,Updated: 20 Jul, 2025 07:06 PM

उत्तर प्रदेश सरकार ने उप्र लोक सेवा आयोग द्वारा 27 जुलाई को प्रस्तावित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षा-2023 को शुचितापूर्ण, पारदर्शी और निर्बाध तरीके से संपन्न कराने के लिए चाक चौबंद व्यवस्था की है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने उप्र लोक सेवा आयोग द्वारा 27 जुलाई को प्रस्तावित समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) परीक्षा-2023 को शुचितापूर्ण, पारदर्शी और निर्बाध तरीके से संपन्न कराने के लिए चाक चौबंद व्यवस्था की है।
सरकार द्वारा रविवार को जारी बयान के अनुसार, यह परीक्षा 27 जुलाई को राज्य के सभी 75 जिलों के 2382 केंद्रों में होगी और इसमें 10.76 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हो सकते हैं। इसमें कहा गया है कि यह परीक्षा प्रातः 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक एक पाली में आयोजित होगी और हर जिले में जिलाधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया गया है जो परीक्षा की संपूर्ण व्यवस्था की निगरानी करेंगे और आवश्यकतानुसार त्वरित निर्णय ले सकेंगे।
बयान के मुताबिक, परीक्षा को लेकर प्रदेश सरकार की ओर से अभूतपूर्व व्यवस्था की गई है तथा परीक्षा के दौरान अनुचित साधनों का प्रयोग परीक्षा को दूषित न कर सके, इसके लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल समेत कड़े सुरक्षा उपायों की पूरी व्यवस्था की गई है। इसमें कहा गया है कि इसमें एआई (कृत्रिम मेधा) के उपयोग से लेकर सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी भी शामिल है।
बयान के अनुसार, प्रश्न पत्र लीक की संभावनाओं को खत्म करने के लिए प्रश्नपत्र दो अलग-अलग सेट में दो अलग-अलग मुद्रकों से तैयार कराए गए हैं और परीक्षा के दिन प्रश्नपत्र का चयन परीक्षा शुरू होने से 45 मिनट पूर्व किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि अभ्यर्थियों की पहचान और केंद्र निर्धारण भी पूरी तरह डिजिटल और सुरक्षित रखा गया है। परीक्षा केंद्रों पर हर कोण से निगरानी रखने के लिए एक सेक्टर मजिस्ट्रेट, एक स्टैटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक, दो सह केंद्र व्यवस्थापक तथा प्रशिक्षित अंतरीक्षक तैनात किए जाएंगे। सोशल मीडिया निगरानी के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ भी गठित किया गया है। परीक्षा केंद्रों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।