रामनगरी अयोध्या में हैं 35 जातीय मंदिर, पुजारी से लेकर भंडारी तक उसी जाति के

Edited By Ajay kumar,Updated: 29 Jul, 2023 03:17 PM

there are 35 ethnic temples in ramnagari ayodhya

रामनगरी अयोध्या का नाम सुनते ही लोगों के मन में भगवान राम के प्रति श्रद्धा के भाव उमड़ पड़ते हैं। अधिकतर लोग भले ही सोचते हों कि अयोध्या में रामलला के मंदिर, हनुमानगढ़ी के अलावा जो भी मंदिर हैं वह सब प्रभु श्रीराम के ही होंगे तो बिल्कुल भी नहीं है।

अयोध्या: रामनगरी अयोध्या का नाम सुनते ही लोगों के मन में भगवान राम के प्रति श्रद्धा के भाव उमड़ पड़ते हैं। अधिकतर लोग भले ही सोचते हों कि अयोध्या में रामलला के मंदिर, हनुमानगढ़ी के अलावा जो भी मंदिर हैं वह सब प्रभु श्रीराम के ही होंगे तो बिल्कुल भी नहीं है। रामनगरी में वर्षों पुराने 35 जातीय मंदिर भी हैं। इन मंदिरों में कुछ को छोड़ दिया जाए तो इनमें पुजारी से लेकर भंडारी तक उसी जाति के हैं। पर्व त्योहार व मेले में आने वाले श्रद्धालु अपने जातियों के मंदिर में ही रुकते हैं। इन्हीं लोगों द्वारा मंदिरों की परंपरा को पूरा भी किया जाता है। जातीय मंदिरों की पहचान परंपरा से जानी जाती है। इनमें कुछ मंदिरों की देखरेख ट्रस्ट कर रहा है तो अधिकांश मंदिर रख रखाव ना होने व विवादित होने के कारण अपनी भव्यता खोते जा रहे हैं। यह सभी जातीय मंदिर सैकड़ों वर्ष पुराने हैं। यादव मंदिर में राधा कृष्ण व अन्य मंदिरों में श्री राम जानकी की पूजा होती है। जातीय मंदिरों की व्यवस्था पंचायती है, जिसका संचालन ट्रस्ट या समिति के माध्यम से किया जाता है।

साल में एक बार होती है पंचायत
यहीं नहीं इन मंदिरों में जातीय लोगों के आपसी समस्याओं को निपटाने के लिए वर्ष में एक बार पंचायत भी होती है, जिनमें अधिकांश समस्याओं का निपटारा भी किया जाता है। पंचायत के फैसले के बाद भगवान के विग्रह के सामने दोनों पक्षों को फैसला मानने की शपथ भी दिलाई जाती है।

acharya satyendra das reaction over ayodhya ram mandir alleged land purchase scam Ayodhya Mandir Land Scam: रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास बोले- ट्रस्ट को देना चाहिए जवाब

मंदिरों की नगरी है अयोध्याः आचार्य सत्येंद्र दास
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास कहते हैं कि अयोध्या मंदिरों की नगरी है। सभी धर्म से जुड़े स्थल मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद हैं। जातियों के मंदिरों को वर्षों पहले तैयार किया गया था, जिनमें व अधिकांश मंदिर जर्जर हालात में हैं।

अयोध्या के चारो दिशाओं में स्थित है जातीय मंदिर
अयोध्या के चारों दिशाओं में स्थित है जातीय मंदिर, जिसमें कुर्मी, धोबी, पटवा, कलवार, कसेरा, हलवाई, विश्वकर्मा, पासी, सोनार, टेढ़ी बाजार स्थित यादव, निषाद, मुराव, खटिक, लकड़हारा, अशर्फी भवन स्थित कसौंधन, बरई, भुज, खाकी अखाड़ा स्थित राजभर, ऋणमोचनघाट स्थित मद्देशिया, कुशवाहा, पटेल, गोलाघाट स्थित दांगी क्षत्रिय मंदिर, स्वर्णखनि कुंड के पास संत रविदास मंदिर, स्वर्गद्वार स्थित गहोई, हनुमानगढ़ी के पास साहू मंदिर शामिल हैं।

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