Edited By Ramkesh,Updated: 17 May, 2023 07:05 PM

Akhilesh Yadav, Samajwadi Party
अखिलेश यादव आज समाजवादी पार्टी ( Akhilesh Yadav, Samajwadi Party ) के प्रदेश मुख्यालय लखनऊ में विधायकों तथा प्रमुख नेताओं की बैठक को सम्बोधित किए। उन्होंने निकाय चुनाव में जीते पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी और...
लखनऊ: अखिलेश यादव आज समाजवादी पार्टी ( Akhilesh Yadav, Samajwadi Party ) के प्रदेश मुख्यालय लखनऊ में विधायकों तथा प्रमुख नेताओं की बैठक को सम्बोधित किए। उन्होंने निकाय चुनाव में जीते पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी और पार्टी के लिए लगातार संघर्ष कर रहे साथियों का धन्यवाद दिया। अखिलेश यादव ने कहा है कि नगर निकाय चुनावों में भाजपा ने सत्ता का भारी दुरुपयोग कर लोकतंत्र को कलंकित किया है। निर्वाचन आयोग की भूमिका सवालों के घेरे में रही है। प्रशासन ने भाजपा कार्यकर्ता की तरह काम किया है। जनता इस सच से वाकिफ है और वह इसका करारा जवाब सन् 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में देगी।

बूथ स्तर तक पार्टी को मजबूत करें कार्यकर्ता
यादव ने कहा कि सन् 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी में अभी से जुट जाना है। बूथ स्तर तक पार्टी का मजबूत संगठन बनाकर जनता के दुख दर्द में शरीक होते रहना है। समाजवादी पार्टी भाजपा की कुनीतियों से बराबर लड़ती रहेगी। अब जनता जानने लगी है कि भाजपा झूठ और फरेब से लोगों को बरगलाने में माहिर है। समाजवादी पार्टी के मुकाबले उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार का छःह वर्ष में एक भी विकास कार्य नहीं है। केन्द्र सरकार के 9 वर्ष हो गये है। जनहित में भाजपा की केन्द्र सरकार ने बहकाने, भटकाने के अलावा कोई काम नहीं किया है।

25 फीसदी सांसदों के क्षेत्र में जनता ने भाजपा प्रत्याशियों को हराया: अखिलेश
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में जनता ने भाजपा को सबक सिखाने का काम किया है। निकाय चुनाव में भाजपा के लगभग 25 फीसदी सांसदों के क्षेत्र में जनता ने भाजपा प्रत्याशियों को हरा दिया है। महंगाई, बेरोजगारी, ठप्प कारोबार, ध्वस्त कानून व्यवस्था एवं बढ़ते भ्रष्टाचार के खिलाफ जनता का फैसला है। यादव ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, किसानों की समस्याएं देश में बड़ा मुद्दा है। प्रदेश और देश की इन समस्याओं के लिए केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि जनता समझ चुकी है कि भाजपा सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। सत्ता का दुरुपयोग और अधिकारियों पर दबाव डालकर भाजपा भले ही कुछ सीटें अपने पक्ष में करने में सफल हो गयी लेकिन भाजपा के विरोध में जीतने वालों की संख्या बहुत ज्यादा है।