योगी बोले- ‘जो सनातन रावण, कंस के अहंकार और बाबर, औरंगजेब के अत्याचार से नहीं मिटा...

Edited By Ramkesh,Updated: 08 Sep, 2023 01:03 PM

the eternal ravana the arrogance of kansa and babur

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'सनातन धर्म' विवाद पर बिना किसी का नाम लिए बृहस्पतिवार को कहा कि जो सनातन रावण, कंस के अहंकार और बाबर, औरंगजेब के अत्याचार से नहीं मिटा, वह इन तुच्छ सत्ता परजीवियों से क्या मिट पाएगा। मुख्यमंत्री...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'सनातन धर्म' विवाद पर बिना किसी का नाम लिए बृहस्पतिवार को कहा कि जो सनातन रावण, कंस के अहंकार और बाबर, औरंगजेब के अत्याचार से नहीं मिटा, वह इन तुच्छ सत्ता परजीवियों से क्या मिट पाएगा। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ बृहस्पतिवार को राजधानी के पुलिस लाइन में आयोजित श्रीकृष्ण जन्माष्टमी समारोह में बोल रहे थे।

 कुछ लोग सनातन परंपरा पर उंगली उठाने का प्रयास कर रहे हैं
उन्होंने कहा, ''आज जब पूरा देश सकारात्मक दिशा में बढ़ने के लिए कार्य कर रहा है। अपनी विरासत का सम्मान करते हुए एक नयी ऊर्जा से आगे बढ़ने का कार्य कर रहा है। बहुत सारे लोगों को यह अच्छा नहीं लग रहा। भारत की प्रगति, भारत की समृद्धि, वैश्विक मंच पर भारत को जिस तरह से एक नये अवतार के रूप में जाना जा रहा है, यह कुछ लोगों को यह अच्छा नहीं लग रहा है।'' आदित्यनाथ ने कहा, ''आज पूरा देश गौरव महसूस कर रहा है कि आजादी के अमृत महोत्सव में भारत नयी उपलब्धियों के साथ दुनिया में जाना जा रहा है। लेकिन इन उपलब्धियों को कहीं न कहीं कमजोर करने के लिए ऐसे लोगों के द्वारा भारत, भारतीयता, भारत की सनातन परंपरा पर उंगली उठाने का प्रयास किया जा रहा है।

सनातन की तरह उंगली उठाने का मतलब मानवता को संकट में डालना 
उन्होंने कहा, ‘‘विरासत को अपमानित करने और विरासत के प्रति समाज की दृष्टि को कमतर करने का कुत्सित प्रयास हो रहा है। लेकिन ये सब भूल गये हैं कि जो सनातन नहीं मिटा था रावण के अहंकार से, जो सनातन नहीं डिगा था कंस के अहंकार से, जो सनातन नहीं मिटा था बाबर और औरंगजेब के अत्याचार से। वह सनातन इन तुच्छ सत्ता परजीवी जीवों से क्या मिट पाएगा। आज इनको स्वयं अपने कृत्यों पर लज्जित होना चाहिए।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि मानवता का धर्म जो सनातन धर्म है, उस पर उंगली उठाने का मतलब मानवता को संकट में डालने का कुत्सित प्रयास है।

सनातन धर्म सूर्य की तरह ऊर्जा देने वाला
आदित्यनाथ ने कहा, ''याद करिये दुनिया का कौन ऐसा मत, मजहब और संप्रदाय है जिसके संकट के समय पलक पांवड़े बिछाकर उसके स्वागत के लिए सनातन धर्मावलंबियों ने उनकी सुरक्षा और उनके संरक्षण का कार्य नहीं किया है। हमने कभी नहीं कहा हम विशिष्ठ हैं। कोई सनातन धर्मावलंबी यह नहीं कहता हम विशिष्ठ हैं, या हमीं सब कुछ हैं।'' उन्होंने सनातन धर्म को सूर्य की तरह ऊर्जा देने वाला बताते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति मूर्खतावश सूर्य की तरफ थूकने का प्रयास कर रहा है तो उसे समझना चाहिए कि सूर्य तक उसका थूक नहीं पहुंचेगा, बल्कि पलटकर थूक उसके सिर पर ही गिरेगा। साथ ही उसकी आने वाली पीढ़ियों को लज्जित होना पड़ेगा।

अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है, विपक्ष तुच्छ की राजनीति कर रहा है
उन्होंने कहा कि सभी को भारत की परंपरा पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। आदित्यनाथ ने कहा कि ईश्वर को मिटाने वाला मिट गया। उन्होंने कहा कि 500 साल पहले सनातन का अपमान हुआ। उन्होंने कहा कि आज अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है, विपक्ष तुच्छ राजनीति करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष भारत की प्रगति में व्यवधान पैदा करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि हर काल में सत्य को झुठलाने का प्रयास हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘क्या रावण ने झुठलाने का प्रयास नहीं किया था? उससे पहले हिरण्यकश्यप ने ईश्वर की और सनातन धर्म की अवमानना करने का प्रयास नहीं किया था? क्या कंस ने ईश्वरीय सत्ता को चुनौती नहीं दी थी? ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देने वाले आज क्या कर रहे हैं, उनकी स्थिति क्या है? सब कुछ मिट गया। कुछ नहीं बचा। जैसे सत्य है, शाश्वत है। वैसे ही सनातन धर्म भी सत्य और शाश्वत है।''


मुख्यमंत्री ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि भगवान विष्णु के पूर्ण अवतार के रूप में श्रीकृष्ण का जन्म धर्म, सत्य और न्याय की स्थापना के लिए हुए था। उन्होंने कहा कि पांच हजार वर्षों से लगातार भगवान श्रीकृष्ण की आदर्श प्रेरणा भारत समेत पूरी दुनिया के मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत के अंदर जब भी अत्याचार और अन्याय हुआ तो हमारे ईश्वरीय अवतारों ने एक विशिष्ट प्रकाश पुंज के रूप में समाज का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने शांति काल में सामान्य नागरिकों को कर्म की प्रेरणा प्रदान करने वाला 'कर्मण्ये वाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन' का मंत्र दिया।

उन्होंने कहा कि वहीं संकट काल में समाज को ‘परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्' के मंत्र को आत्मसात करने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम में उनके साथ उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र समेत अन्य लोग मौजूद थे तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) की युवा इकाई के सचिव एवं राज्य के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने तीन सितंबर को सनातन धर्म को ‘समानता एवं सामाजिक न्याय' के खिलाफ बताते हुए कहा था कि इसका उन्मूलन किया जाना चाहिए। उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया, और डेंगू वायरस एवं मच्छरों से होने वाले बुखार से करते हुए कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इन्हें समाप्त कर देना चाहिये।

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