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विपरीत परिस्थितियों में धैर्य से काम करने की चुनौती को करना होगा स्वीकार: CM योगी

Edited By Mamta Yadav,Updated: 03 Mar, 2025 10:53 PM

the challenge of working with patience in adverse circumstances will have

सोमवार को आईआईएम व भारतीय डाक सेवा के अधिकारियों के साथ महाकुम्भ के सफल आयोजन द्वारा राष्ट्र निर्माण विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में बहुत सारे लोग हाथ-पैर छोड़ देते हैं, मानकर चलते हैं कि जो होना...

Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि विपरीत परिस्थिति में निर्णय लेने का सामर्थ्य विकसित करना चुनौती भरा होता है और इसका धैर्य के साथ इसका सामना करने के लिये तैनात होना पड़ेगा। सोमवार को आईआईएम व भारतीय डाक सेवा के अधिकारियों के साथ महाकुम्भ के सफल आयोजन द्वारा राष्ट्र निर्माण विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में बहुत सारे लोग हाथ-पैर छोड़ देते हैं, मानकर चलते हैं कि जो होना होगा, देखा जाएगा, लेकिन विपरीत परिस्थितियों में धैर्य से काम करते हुए चैलेंज को फेस करने को तैयार होना पड़ेगा। महाकुम्भ में यही किया गया, तब जाकर सकुशल महाकुम्भ संपन्न हो सका। इस दौरान महाकुम्भ से संबंधित वीडियो फिल्म भी प्रदर्शित की गई।

लीक से हटकर काम करते हैं तो वह स्मरणीय बनता है
सीएम ने कहा कि 2019 में हमारी सरकार ने प्रयागराज कुम्भ को संपन्न किया था। कुंभ सामान्य रूप से हजारों वर्षों की भारत की विरासत का हिस्सा रहा है, लेकिन लोग कुम्भ का मतलब भगदड़, अव्यवस्था, गंदगी मान चुके थे। हमने तय किया कि आज के समय में लोगों की इस धारणा के विपरीत कुछ नया करके दिखाएं, क्योंकि जब हम लीक से हटकर काम करते हैं, तभी वह स्मरणीय बनता है।
समस्या से बहाना और समाधान से रास्ते मिलते हैं सीएम ने कहा कि हम समस्या के बारे में ज्यादा सोचते हैं। इससे हमें बहाना मिलता है, लेकिन समाधान की तरफ जाते हैं तो अनेक रास्ते मिलते हैं। समाधान ही इनोवेशन है।

2013 में मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने गंदगी देखकर नहीं किया था गंगा स्नान
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब 2013 में कुम्भ का आयोजन हुआ था, तब मैं योगी के रूप में प्रयागराज में अपने शिविर में था। अगले दिन समाचार पत्रों की लीड न्यूज थी कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री कुम्भ में आए, लेकिन गंगा जी में गंदगी को देखकर स्नान नहीं किया और टिप्पणी की कि क्या यही गंगा हैं, फिर दूर से प्रणाम करके चले गए। मेरे मन में यह बात आई कि एक देश के राष्ट्राध्यक्ष आए और उनकी भावना आहत हुई। इसका मतलब हमारे आयोजन में कोई कमी थी। इसका निवारण होना चाहिए।

2019 प्रयागराज कुम्भ ने दिया था स्वच्छता व सुव्यवस्था का संदेश
उन्होंने कहा कि महाकुम्भ का आयोजन होगा, तो भीड़ होगी। जो पहले आएंगे, उन्हें कम पैदल चलना होगा, क्योंकि उन्हें संगम से दो-तीन किमी. के दायरे में पार्किंग देंगे, लेकिन जैसे-जैसे पार्किंग भर ती जाएगी, तो लोगों को अधिक पैदल चलना होगा। जो 10 किमी. पैदल चलेगा और पुलिस उसे रोकेगी तो झल्लाएगा ही। 2019 प्रयागराज कुम्भ ने स्वच्छता व सुव्यवस्था का संदेश दिया था।

महाकुम्भ 2025 में उम्मीद से अधिक भीड़ आई
सीएम ने कहा कि 2025 महाकुम्भ में इतनी भीड़ का अंदाजा हमें भी नहीं था। संभावना थी कि 2019 की अपेक्षा दोगुनी भीड़ होगी, लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए।

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