तो क्या रुक जाएगी यमन में भारतीय नर्स की फांसी की सजा!  ‘सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल' ने सुप्रीम कोर्ट में डाली याचिका, कहा- 'केंद्र दखल दे तो...'

Edited By Ramkesh,Updated: 10 Jul, 2025 05:23 PM

so will the death sentence of indian nurse in yemen be stopped

उच्चतम न्यायालय ने हत्या के एक मामले में केरल निवासी नर्स निमिषा प्रिया की यमन में 16 जुलाई को निर्धारित फांसी की सजा पर रोक और उसकी रिहाई के लिए केंद्र सरकार को कूटनीतिक प्रयास करने का निर्देश देने की मांग संबंधी एक याचिका पर 14 जुलाई को सुनवाई...

यूपी डेक्स: उच्चतम न्यायालय ने हत्या के एक मामले में केरल निवासी नर्स निमिषा प्रिया की यमन में 16 जुलाई को निर्धारित फांसी की सजा पर रोक और उसकी रिहाई के लिए केंद्र सरकार को कूटनीतिक प्रयास करने का निर्देश देने की मांग संबंधी एक याचिका पर 14 जुलाई को सुनवाई करेगी।

निमिषा प्रिया को बचाने के लिए सिर्फ Blood Money' वाला ही एक मात्र विकल्प
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की आंशिक कार्य दिवस पीठ ने ‘सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल' नामक एक संगठन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता रागेंथ बसंत के शीघ्र सुनवाई के अनुरोध के बाद संबंधित याचिका को (14 जुलाई के लिए) सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। अधिवक्ता बसंत ने ‘विशेष उल्लेख' के दौरान अदालत से यह अनुरोध किया था।

यमन में 16 जुलाई को फांसी की तारीख तय
 वरिष्ठ अधिवक्ता ने पीठ के समक्ष दलील दी कि शरीयत कानून के अनुसार, अगर पीड़ित के रिश्तेदार ‘खूंबहा' स्वीकार करने को तैयार हों, तो किसी व्यक्ति को रिहा किया जा सकता है। खूंबहा का मतलब है कि पीड़ति परिवार को मुआवजे का प्रस्ताव दिया जाये और वे इसे लेने को तैयार हों तो अभियुक्त की सजा माफ की जा सकती है। कई अरब मुल्कों में ऐसा कानून लागू है। उन्होंने आग्रह करते हुए अदालत के समक्ष कहा, ‘‘कृपया आज या कल सूचीबद्ध करें, क्योंकि 16 जुलाई फांसी की तारीख है।

भारत सरकार कूटनीतिक बातचीत के जरिए फांसी रोकने का करे प्रयास
राजनयिक माध्यम से बातचीत के लिए भी समय की आवश्यकता होती है।'' याचिका में फांसी पर रोक और रिहाई के लिए भारत सरकार से कूटनीतिक बातचीत के जरिए प्रयास करने की गुहार लगायी गयी है। पीठ की ओर से न्यायमूर्ति धूलिया ने अधिवक्ता से पूछा कि उस व्यक्ति को मौत की सज़ा क्यों सुनाई गयी। इस पर  बसंत ने जवाब दिया, ‘‘ निमिषा (नर्स) केरल की रहने वाली एक भारतीय नागरिक है। वह वहाँ नर्स की नौकरी के लिए गयी थी। स्थानीय व्यक्ति ने उसे प्रताड़ति करना शुरू किया और उसकी (यमन के एक व्यक्ति) हत्या कर दी गयी।

हत्या के मामले में  यमन की अदालत ने निमिषा प्रिया को माना है दोषी
निमिषा को वर्ष 2017 में यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी पाए जाने के बाद मौत की सज़ा सुनाई गयी थी। निमिषा ने कथित तौर पर अपने पासपोर्ट को वापस पाने के लिए महदी को बेहोशी का इंजेक्शन दिया था। निमिषा को कथित तौर पर महदी द्वारा दुर्व्यवहार और यातना का सामना करना पड़ा था। इससे पहले निमिषा की माँ ने उसकी रिहाई के प्रयास के लिए यमन जाने की अनुमति दिल्ली उच्च न्यायालय से मांगी थी। उनकी इस उस याचिका पर केंद्र सरकार ने नवंबर 2023 में उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि यमन के सर्वोच्च न्यायालय ने उसकी अपील खारिज कर दी है।
 

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