काशी में शारदीय नवरात्रि की धूम, विश्वनाथ धाम में पहली बार विराजीं मां दुर्गा; दर्शनों के लिए उमड़ा जनसैलाब

Edited By Pooja Gill,Updated: 03 Oct, 2024 03:02 PM

shardiya navratri celebrated in kashi

Shardiya Navratri: आज शारदीय नवरात्रि का आज पहला दिन है। पहले दिन मां के दर्शनों के लिए मंदिरों में जनसैलाब उमड़ा है। भक्त लंबी-लंबी कतारों में घंटों तक खड़े होकर मां का दर्शन पूजन कर रहे है। शिव की नगरी काशी में भी नवरात्रि की धूम है...

Shardiya Navratri: आज शारदीय नवरात्रि का आज पहला दिन है। पहले दिन मां के दर्शनों के लिए मंदिरों में जनसैलाब उमड़ा है। भक्त लंबी-लंबी कतारों में घंटों तक खड़े होकर मां का दर्शन पूजन कर रहे है। शिव की नगरी काशी में भी नवरात्रि की धूम है। यहां पर पहली बार विश्वनाथ धाम में मां दुर्गा विराजी है। मां के दर्शनों के लिए भक्त सुबह से ही लाइन में लग गए और विधि विधान से मां की पूजा कर आशीर्वाद ले रहे है।

9 दिनों तक होगी 9 देवियों के अलग-अलग स्वरूप की पूजा
 काशी विश्वनाथ मंदिर में पहली बार मां विराजमान हुई है। 9 दिनों तक 9 देवियों के अलग-अलग स्वरूप की पूजा की जाएगी। विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने इस बार शारदीय नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना कर पूजन किया। विश्वनाथ धाम में माता गर्भगृह में विराजमान होगी। विश्वनाथ मंदिर परिसर में कलश स्थापना करने के साथ ही समस्त धार्मिक अनुष्ठानों को 9 दिनों तक आयोजित किया जाएगा।

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सीएम योगी करेंगे कलश स्थापना
बता दें कि पांच शास्त्रियों द्वारा नौ दिन तक अनवरत दुर्गा सप्तशती का नियमित पाठ होगा। इसके साथ ही नौ दिन माता विशालाक्षी को चुनरी, सोलह शृंगार व प्रसाद बाबा विश्वनाथ की ओर से भेजी जाएगी। इसके साथ ही नवरात्रि में हर दिन नौ देवियों के अलग-अलग सिद्ध पीठों में चुनरी, सोलह शृंगार व प्रसाद भेंट किया जाएगा। पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा हुई। आधी रात के बाद मां के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगी रही। मंदिर में भक्तों की भीड़ को देखते हुए बैरिकेडिंग की गई है। वहीं दुर्गाकुंड, मां विशालाक्षी सहित शहर के सभी दुर्गा मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रबंध किए गए हैं। वाराणसी समेत लखनऊ, मिर्जापुर प्रदेश के सभी मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है। वहीं, गोरखनाथ मंदिर में सीएम योगी शाम 5 बजे शक्ति मंदिर में कलश स्थापना करेंगे।

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12 अक्तूबर को होगी शस्त्र पूजा
4 अक्तूबर को रामलीला में धनुष यज्ञ का मंचन मंदिर चौक पर होगा। 5 अक्तूबर को राम द्वारा रावण वध का मंचन, 6 अक्तूबर को बंगाली लोक नृत्य धुनुची का आयोजन होगा। 7 अक्तूबर को 51 मातृशक्तियों द्वारा ललिता सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ किया जाएगा। 8 अक्तूबर को महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र पर नृत्य, नौ अक्तूबर को देवी मां का भजन, 10 अक्तूबर को माता के नौ स्वरूपों को दर्शाती नौ कन्याओं द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ होगा। 11 अक्तूबर को प्रातःकाल नीलकंठ मंदिर के समीप यज्ञ कुंड पर हवन औरशाम को भजन व नृत्य का आयोजन होगा। दशमी तिथि पर 12 अक्तूबर को सुबह सांकेतिक रूप से शस्त्र पूजा मंदिर प्रांगण में की जाएगी।

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